डांस की अपनी अलग ही महत्ता है। यह आज से नहीं बल्कि देवताओं के समय से हो रहा है। इन्द्रदेव अपने राज्य में अपना मनोरंजन करने के लिए नृत्यांगनाओं को रखते थे। वह अपने नृत्य से सबका मन मोहने का काम करती थीं। आज भी ऐसा ही हो रहा है, किसी भी कार्यक्रम में डांस का बंदोबस्त ना किया जाए तो ऐसा लगता है जैसे कार्यक्रम अधूरा रह गया हो। तभी तो बहुत कम ऐसे कार्यक्रम होते हैं जिनमें लोगों के मनोरंजन के लिए डांसरों की व्यवस्था नहीं की जाती है।
आये दिन सोशल मीडिया पर डांस के वीडियो देखने को मिलते हैं। सोशल मीडिया की वजह से ही लोगों की छिपी हुई प्रतिभा सामने आ रही है। हर दिन किसी ऐसे व्यक्ति के डांस का वीडियो देखने को मिलता है, जो लोगों के सामने डांस करने से शर्माता है। इस वजह से खुद ही अपने डांस का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड कर देता है।
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