प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चाहते हैं कि यूपी में योगी सरकार सुशासन पर फोकस करते हुए काम करे और उसके कामकाज में किसी तरह की कोई दखलंदाजी न की जाए। शायद यही वजह है कि पीएम मोदी ने गुरुवार को उत्तरप्रदेश के बीजेपी सांसदों को निर्देश दिया कि वे राज्य के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी के समक्ष अधिकारियों की नियुक्ति और स्थानांतरण के संबंध में कोई सिफारिश नहीं रखें। मोदी ने कहा कि उनके प्रशासन को केवल सुशासन पर ध्यान केंद्रित करने देना चाहिए।
सांसदों से नाश्ते पर मुलाकात करते हुए मोदी ने उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी की शानदार सफलता के लिए उनके कठिन परिश्रम पर उन्हें धन्यवाद दिया और उनसे पार्टी विधायकों के साथ मिलकर एक टीम की तरह काम करने को कहा ताकि राज्य में बदलाव लाया जा सके। बैठक में मौजूद एक सांसद ने कहा, ‘मोदी जी ने राज्य के पार्टी सांसदों और विधायकों को एक टीम की तरह काम करने की जरूरत पर बल दिया। प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि हमें कठिन परिश्रम करने के लिए जनादेश दिया गया है, उत्सव मनाने के लिए नहीं।’
एक अन्य बीजेपी सांसद ने बताया कि प्रधानमंत्री ने साफ कहा है कि सांसदों को किसी अधिकारी की नियुक्ति या स्थानांतरण के लिए आदित्यनाथ को सिफारिश या संपर्क नहीं करना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि लोगों ने जबर्दस्त जनादेश लोगों की सेवा करने और भ्रष्टाचार मुक्त सरकार देने के लिए दिया है। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने आवास पर सांसदों की बैठक बुलाई थी जिसमें बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार और पार्टी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी ने हिस्सा लिया।
बता दें कि इसके पहले बुधवार को आई खबर के मुताबिक प्रधानमंत्री का दफ्तर (पीएमओ) भी ‘योगी आदित्यनाथ सरकार के कामकाज में यूं ही दखलंदाजी’ नहीं करेगा और मुख्यमंत्री को ‘काम करने की पूरी आजादी होगी।’ बीजेपी के बड़े नेताओं और आला सरकारी अधिकारियों ने यह बात कही है।