राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के इस बयान से राजनीति जगत में मच गयी खलबली ..

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उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल जुलाई में समाप्त हो रहा है। मुंबई विश्वविद्यालय में एक कंवोकेशन को संबोधित करते हुए मुखर्जी ने कहा कि भारत एक भौगोलिक सत्ता ही नहीं है। एक विचार और संस्कृति है। विश्वविद्यालय और उच्च शिक्षण संस्थानों इन विचारों के आदान-प्रदान का सर्वश्रेष्ठ जरिया हैं।

इसलिए इन शिक्षण संस्थानों में असहिष्णुता के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए।राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय लोकतंत्र में सत्ता के केन्द्र प्रधानमंत्री है और प्रधानमंत्री लोगों से ही सत्ता का अधिकार पाते हैं। और वो बीजेपी के गोवा और मणिपुर में बनायीं सरकार का समर्थन करते है .

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