इस परम्परा के पीछे उनका तर्क है कि जब किसी महिला का पति कम उम्र में दिवंगत हो जाता है या दुनिया छोड़ जाता है। तब ऐसी स्थिति में महिला को अपने ही खानदान के किसी कम उम्र के आदमी से विवाह करना पड़ता है. इस शादी में माँ के साथ उसकी बेटी की भी शादी कर दी जाती है, माँ और बेटी दोनों एक ही मंडप में एक ही दुल्हे से शादी करती है।
Loading...
Loading...