जब उनसे इस बारे में पूछा गया कि आखिर घटना के 10 साल बाद ये खुलासा क्यों किया गया ? तो उन्होंने बताया कि नासा के वैज्ञानिक दल नहीं चाहते थे कि मिशन पर गये अंतरिक्ष यात्री हर पल अपनी जिंदगी घुटघुट कर जिन्दा रहे.. इसलिए उन्होंने इस बारे में कोई भी जानकारी अंतरिक्ष यात्रियों को नहीं दी.
अपनी दलील देते हुए वेल ने कहा कि कल्पना समेत उन 7 यात्रियों को इस बारे में बता दिया गया होता तो वो आक्सीजन खत्म होने तक स्पेस के चक्कर काट सकते थे लेकिन आक्सीजन खत्म होने के बाद उन्हें मरना ही पड़ता.
ये खुलासा इतना खौफनाक है कि लोग इस पर विश्वास नहीं कर पा रहे है. लेकिन सच्चाई यही है कि अंतरिक्ष में जाने वाली भारतीय मूल की पहली महिला कल्पना की मौत उसके सफर के साथ ही तय हो गई थी.
आगे देखें वीडियो, देश के प्रधानमंत्री और कल्पना चावला की आखिरी बातचीत… वीडियो देख हो जायेंगे भावुक
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