बंगाल में सेना की तैनाती रक्षा मंत्री ने दिया जवाब ममता को !

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पश्चिम बंगाल में टोल प्लाजा पर सेना की तैनाती और नोटबंदी को लेकर विपक्ष ने शुक्रवार को लोकसभा में हंगामा किया।

इसी मामले में मेजर जनरल सुनील यादव ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के आरोपो को खारिज किया। इसी से जुड़े कई दस्तावेज भी सामने आए हैं जो ममता बनर्जी के आरोपों को साफ रूप से खंडित कर रहे हैं।

उधर लोकसभा की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई, तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने पश्चिम बंगाल में सेना की तैनाती का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को इस मामले में अंधेरे में रखा गया।

नीचे देखें ममता बनर्जी के आरोपों पर सेना का पलटवार, मनोहर पारीकर ने उड़ायीं धज्जियाँ (वीडियो)

रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने यह कहते हुए तृणमूल नेता के दावे का खंडन किया और कहा कि यह नियमित अभ्यास था और ऐसा पिछले कई वर्षो से किया जाता रहा है।

उन्होंने कहा कि पिछले साल 19 और 21 नवंबर को पश्चिम बंगाल में सैन्य अभ्यास किया गया था। लेकिन इस बार विपक्ष राजनीति से प्रेरित होकर अनर्गल प्रलाप कर रहा है। पर्रिकर ने कहा कि सेना ने संबंधित अधिकारियों को इस साल भी सूचित किया था। मूल तारीखें 28, 29 और 30 दिसंबर थी जिनको बाद में बदलकर 1 और 2 दिसंबर कर दिया गया। इससे पहले सदन ने भोपाल गैस त्रासदी के 32 साल पूरे होने पर पीड़ितों के प्रति संवेदना प्रकट की।

वहीं इसी मामले में मेजर जनरल सुनील यादव ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के आरोपो को खारिज करते हुए कहा कि पिछले साल भी यहां पर अभ्यास किया गया था। स्थानीय प्रशासन को इस बात की जानकारी थी। कोलकाता पुलिस के साथ ये अभ्यास किया जा चुका है।

सेना की ओर से कहा गया है नॉर्थ ईस्‍ट में कई जगहों पर एक्‍सरसाइज चल रही है। इनमें असम के 18, अरुणाचल प्रदेश के 13, पश्चिम बंगाल के 19, मणिपुर के छह, नागालैंड और मेघालय के पांच-पांच, त्रिपुरा और मिजोरम के एक एक जिले शामिल हैं। मेजर जनरल सुनील यादव ने कहा कि यह बातें कि सेना टोल नाकों पर लोगों से पैसे इकट्ठा कर रही है पूरी तरह से निराधार हैं।

नीचे जानें संसद में सुबह से हुई इस बात पर ये बदतमीजी

लोकसभा की कार्यवाही को हंगामे के बाद सोमवार तक स्थगित कर दिया गया।

नोट बंदी को लेकर राज्यसभा में विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया जिसके बाद सभापति ने सदन कार्यवाही 2:30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी जबकि लोकसभा की कार्यवाही हंगामे के बीच जारी है।

विपक्ष के हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित।

राज्यसभा में जेएमएम सांसद संजीव कुमार ने झारखंड में सीएनटी-एसपीटी एक्ट संसोधन का मामला उठाया।

टीएमसी सांसद सुखेंदु शेखर राय ने राज्यसभा में कहा कि इतिहास में ऐसा किसी भी राज्य में नहीं हुआ। केंद्र विपक्ष की आवाज को दबाना चाहता है। उन्होंने कहा कि बंगाल की जनता ने ब्रिटिश सत्ता के खिलाफ लड़ाई की अब हम मोदी के अधिनायकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ेंगे।

राज्यसभा में रक्षा राज्यमंत्री सुभाष रामराव भामरे ने कहा कि इस संबंध में जानकारी पहले ही उपलब्ध करा दी गई थी। हावड़ा के डीएम को इस संबंध में पत्र भी लिखा गया था।

टीएमसी सांसद सुखेंदु शेखर राय ने राज्यसभा में कहा कि इतिहास में ऐसा किसी भी राज्य में नहीं हुआ। केंद्र विपक्ष की आवाज को दबाना चाहता है। उन्होंने कहा कि बंगाल की जनता ने ब्रिटिश सत्ता के खिलाफ लड़ाई की अब हम मोदी के अधिनायकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ेंगे।

राज्यसभा में रक्षा राज्यमंत्री सुभाष रामराव भामरे ने कहा कि इस संबंध में जानकारी पहले ही उपलब्ध करा दी गई थी। हावड़ा के डीएम को इस संबंध में पत्र भी लिखा गया था।

राज्य सभा में भी बंगाल में सेना की तैनाती का मामला उठा। कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद ने कहा कि सेना तैनात करना चिंता का विषय है। इसकी जरूरत क्यों पड़ी? सेना तैनाती पर  सुखेन्दु शेखर राय ने कहा कि बंगाल की जनता इस तानाशाही के खिलाफ लड़ेगी। इस मामले को लेकर बसपा सुप्रीमो ने भी चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि राज्य की अनुमति के बिना सेना तैनात करना संघीय ढांचे पर हमला है।

सेना की तैनाती मामले को टीएमसी सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने लोकसभा में उठाया जिसके जवाब में रक्षा मंत्री ने कहा कि यह एक रुटीन अभ्‍यास था लेकिन कुछ लोग इसपर राजनीति कर रहे हैं जो दुखद है। उन्होंने कहा कि पिछले साल भी नवंबर में ऐसा अभ्‍यास किया गया था। सेना के इस्टर्न कमांड ने पश्‍चिम बंगाल सहित नार्थ इस्ट में ऐसा अभ्‍यास किया। इसके पहले यूपी, बिहार और झारखंड में ऐसा अभ्‍यास किया जा चुका है। सेना ने संबंधित अधिकारी को इसके संबंध में अवगत करा दिया था। पुलिस को इसकी जानकारी थी और इसके लिए ज्वाइंट इंसपेक्शन किया गया था। रक्षा मंत्री ने कहा कि यह अभ्‍यास पहले 28-29 व 30 नवंबर को होने वाला था लेकिन 28 के भारत बंद को देखते हुए इसकी तारीख बढा दी गई। रक्षा मंत्री ने कहा कि इसे कुछ लोग पॉलिटिकल फ्रस्ट्रेशन के कारण मुद्दा बना रहे हैं।

पश्‍चिम बंगाल में सेना की तैनाती का मुद्दा लोकसभा में उठा।

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संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री कल राज्यसभा में मौजूद थे, लेकिन कांग्रेस चर्चा को तैयार नहीं थी। इसका साफ मतलब यह है कि वे बहस से भाग रहे हैं। इधर, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि नोटंबदी से बहुत बड़ा सामाजिक और आर्थिक बदलाव होगा। आने वाले वक्त में डिजिटल करेंसी का उपयोग बढेगा।

सेना तैनाती पर वैंकैया नायडू ने कहा कि इसका कोई मतलब नहीं है, ये रूटीन अभ्‍यास है, 3 दिन तक ऐसे ही चलेगा। इसे उन्होंने मुख्य मुद्दों से भटकाने की कोशिश करार दिया।

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा-विपक्ष हर रोज नई मांग करता है। वे तो अब यह भी डिमांड कर सकते हैं कि प्रधानमंत्री एक ही समय पर दोनों सदनों में मौजूद रहें।

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