“आतंकी भटके हुए नहीं है बल्कि इस्लाम व कुरान ही उन्हें आतंक सीखा रही है”

"इस्लाम को शांति का मजहब कहना बंद कीजिये क्योंकि इस्लाम शांति का मजहब नहीं है

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तस्लीमा नसरीन जो की बांग्लादेशी मूल की मुस्लिम लेखिका है, वो कुरान व् इस्लाम को अच्छे से जानती हैं चूँकि वो इसका अच्छे से अध्ययन कर चुकी हैं. तस्लीमा ने कहा कि, “इस्लाम को शांति का मजहब कहना बंद कीजिये क्योंकि इस्लाम शांति का मजहब नहीं है”

आप स्वयं वीडियो भी देख सकते हैं, तस्लीमा नसरीन क्या कह रही हैं

तस्लीमा ने इंडिया टुडे को साक्षात्कार देते हुए कहा कि, “इस्लाम शांति का मजहब नहीं है और आतंकी कोई भटके हुए लोग नहीं है”

* आतंक फैलाने की सीख कुरान और इस्लाम से ही मिल रही है
* कुरान में ऐसी बहुत सी आयतें है जो कहती है कि, जो मुस्लिम नहीं है इसका क़त्ल करो, उसका बलात्कार करो, उसे लूटो, उसका धर्मान्तरण करो
* तस्लीमा ने बताया कि, आतंकी कुरान का गलत अर्थ नहीं निकाल रहे बल्कि वो जो कर रहे है वही कुरान में लिखा है

साथ ही तस्लीमा ने कहा कि, जो लोग ये कहते है कि आतंक का कोई मजहब नहीं होता, आतंकी का इस्लाम से लेने देना नहीं है वो सब या तो झूठ बोल रहे है
या उन्होंने कुरान अपने जीवन में कभी नहीं पढ़ा है।

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