राशन कार्ड भारतीय रियायती दर पर खाद्य और ईंधन (एलपीजी और केरोसिन) की खरीद के लिए मुख्य रूप से उपयोग किया जाता है ‘यह की गरीबों को पहचान उपलब्ध कराने के सबूत और सरकार डेटाबेस के साथ एक कनेक्शन के लिए एक महत्वपूर्ण निर्वाह उपकरण है. भारत की सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) की पहचान, पात्रता , और पात्रता के अपने कार्यों सहित, राशन कार्ड के आधार पर चल रही है.
देशभर में अलग भाग 2.3 करोड़ ऐसे राशन कार्ड होल्डर थे जो जिनकी आमदनी ज्यादा है. इसका पता सरकार को आधार लिंक करने से पता चला था जिसके बाद केंद्र सरकार ने इन कार्डो को रद्द कर दिया गया था. केंद्र सरकार ने इस बात को साबित करने के लिए एक आंकड़े जारी किए हैं।
- देशभर में चार सालों के अन्दर 2.3 करोड़ फर्जी राशन कार्ड पाए गए है.
- अलग भाग देश के 71 फीसदी लोग राशन कार्ड और आधार कार्ड से जोड़े गए है.
- देश के 07 ऐसे राज्य है जिसमे 100 फीसदी राशन कार्ड आधार से लिंक किया गया है.
- 10 राज्य ऐसे हैं जहां 90 फीसदी कार्ड आधार नंबर से जुड़ चुके हैं.
देश में किन-किन राज्यों में कितने गलत राशन कार्ड है
- पश्चिम बंगाल- 66.1 लाख
- कर्नाटक – 46.2 लाख
- उत्तर प्रदेश- 24.7 लाख
- महाराष्ट्र- 21.6 लाख
- तेलंगाना- 19.4 लाख
- राजस्थान- 13.2 लाख
- छत्तीसगढ़- 10.4 लाख
- अन्य -31.4 लाख
देश में किन-किन राज्यों में सबसे कम राशन कार्ड आधार से लिंक है
- अरुणाचल प्रदेश- 44.5 फीसदी
- मिजोरम- 12 फीसदी
- नागालैंड- 6.5 फीसदी
- मनिपुर- 1.3 फीसदी
- बिहार- 0.1 फीसदी
- असम -0 फीसदी
- मेघालय- 0 फीसदी