प्राचीनकाल को मनुष्य के इतिहास का सबसे बुरा समय माना जाता है। इस काल में बहुत सी भयनाक युद्ध लड़े गए. अपने ऊपर हावी हो रहे दुश्मनों, विद्रोहियों या क़ानून तोड़ने वालों को सबक सिखाने के लिए बहुत से, खूंखार तरीके इस प्राचीन युग में तैयार किये गए. आज हम आपको प्राचीनकाल में मुजरिमों को दंड देने के कुछ खौफनाक तरीको के बारे में बताने जा रहे है.
इम्पलीमेंट (Impalement) :
15वीं सदी में व्लाद तृतीय वालाशिया का राजकुमार था। राजकुमार ड्रैकुला के नाम से भी जाना जाता था। ऐसा इसलिए, क्योंकि वह बेहद खूंखार था। अगर कोई भी इंसान अपराध करता है तो उसके शरीर पर पोल को आर-पार करने का हुक्म सुनाता था। पोल की मोटाई इतनी होती थी कि उसे देख कोई भी इंसान डर जाए। जिस भी इंसान को ये सजा मिलती थी, उसे ज़बरदस्ती पोल पर बैठने के लिए मजबूर किया जाता था। पोल धीरे-धीरे उसके शरीर को चीरता हुआ निकल जाता था।
जूडस क्रैडल यानी यहूदी पालना (Judas Cradle)
जूडस क्रैडल यानी यहूदी पालना वो हथियार था जिसे इंसान को मारने के लिए इस्तेमाल किया जाता था. यहूदी पालना हथियार पर लोगों को बिना कपड़े बिठाया जाता था. यहूदी पालना पर इंसान को तीन जगह से बांध दिया जाता था और लटका दिया जाता था. इतना ही नहीं दोषी इंसान का पैर रस्सी से बांध दिया जाता था, जिसे नीचे खड़े कुछ लोग पकड़े होते थे. इस हथियार पर पुरुष और महिला दोनों अलग अलग तरीके से दिया जाता है. इस हथियार पर पुरुष को सीधे स्त्री को उलटा बिठा कर सजा दी जाती थी.
ब्रेस्ट रिपर (The Breast Ripper)
ब्रेस्ट रिपर एक ऐसा हथियार था जिसे सिर्फ और सिर्फ महिलाओं को सजा देने में काम आता था. अगर कोई भी महिला दूसरे मर्द से अपना संबंध बनाती थी तो उसे ब्रेस्ट रिपर से सजा दी जाती थी. रिपर को महिला के स्तन को जोर से दबा दिया जाता था, इतना ही नहीं रिपर को आग पर गर्म किया जाता था. इस सजा के दौरान दोषी महिला का स्तन बाहर आ जाता था. ज्यादातर महिलाएं इस सजा के बाद मर जाती थी और जो बच भी जाती थी वो उनकी ज़िन्दगी मौत से बदत्तर होती थी.
सॉ टार्चर यानी आरी प्रताड़ना (Saw Torture)
सॉ टार्चर यानी आरी प्रताड़ना एक ऐसा हथियार है जिसमे दोषी को उल्टा लटका दिया जाता है.उल्टा इसलिए लटकाया जाता था ताकि उसके दिमाग को ब्लड सर्कुलेट होता रहे और इंसान ज्यादा समय तक ज़िंदा रहे. जिसके बाद एक आरी से शरीर को बीच से कट दिया जाता था.