वीडियो : इंदिरा गांधी ने संजय की लाश को देख कर ऐसा क्या कहा जिसके बाद…

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आज हम आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसे लड़के के बारे में जो जब 23 साल का था तो बोला कि मम्मी में इस देश कि पहली जनताकार बनाऊंगा और सरकार ने अपनी तिजोरियों को खोल दिया. जब 28 का हुआ तो बोला कि मम्मी में इस देश की सभी समस्याओं का हल निकाल दूंगा तो तमाम मंत्री और मुख्यमंत्री हाथ बांधकर उसके सामने खड़े हो गए. पांच वर्ष के बाद जब वो 33 वर्ष का हुआ तब 8 राज्यों के मुख्यमंत्री और 250 से ज्यादा सांसद उसके नाम कि कसमें खाते थे लेकिन एक दिन उसकी आवाज़ शांत हो गई और वो इस दुनिया को अलविदा कह कर चला गया.

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हम जिस इंसान के बारे में बात कर रहे हैं वो संजय गांधी है. संजय गांधी के बारे में कहा जाता है कि खतरों से खेलना इनका शौक था. इतना ही नहीं एक बार उनकी माँ इंदिरा गांधी ने इस बात का पूरा मन बना लिया था कि वह उनसे कह दें कि संजय तुम्हें इस देश को संभालना है और इसलिए अब तुम खतरों से खेलना बिल्कुल बंद कर दो.

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लेकिन तारीख इस बात को जानती है कि इंदिरा हमेसा कि तरह इस बार भी वो इस बात को संजय से नहीं कह पाईं जो सही थी. उसके बाद उन्हें अपने जवान बेटे की लाश पर फफक-फफक कर रोना पड़ा था. ये बात संजय गांधी के मौत वाले दिन है यानी कि 23 जून 1980 कि है. इस दिन संजय गांधी अपने नए एयर क्राफ्ट का मजा लेने के लिए उसमें सफर कर रहे थे.

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उड़ान भरने के थोड़ी देर बाद उनका एयर क्राफ्ट अशोका होटल के ऊपर था फिर उसने गोल-गोल कलाबाजी करना शुरू कर दिया और कुछ समय बाद संजय का अपने प्लेन पर नियंत्रण नहीं रहा. कुछ समय बार उनका प्लेन क्रेश हो गया. कुछ समय बाद उनकी मौत कि खबर फ़ैल गई.

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जैसे ही संजय की माँ इंदिरा गांधी को इसकी जानकारी मिली कि उनके बेटे का प्लेन क्रेश हो गया है वो तुरंत मौके पर पहुंची और उन्होंने संजय के शव को देखने के बाद जोरों से रोने लगी. ये पहला ऐसा मौका था जब देश के आयरन लेडी कही जाने वाली इंदिरा को लोगों ने इतना भावुक होता देखा.

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आपको बता दें कि संजय के शव को दो दिन रखा गया था क्योंकि इंतजार था उनके बड़े भाई राजीव गांधी का जो अपनी पत्नी सोनिया गांधी और अपने बच्चे राहुल और प्रियंका के साथ इटली में छुट्टियाँ मनाने के लिए गए थे. संजय गांधी की पत्नी मेनका मौके पर मौजूद थीं और दो दिन बाद उनका अंतिम संस्कार किया गया. उसके बाद राजनीति में जो बदलाव हुए उनसे हम सब रूबरू हैं.