इस संसार में मानव कब आया इसके बारे में आज तक कोई सही-सही नहीं बता पाया है. फिर चाहें वो वैज्ञानिक हों या फिर कोई धर्म गुरु. ये सभी अनुमान के आधार पर बात करते हैं. हमारी मानव जाती के लिए ये एक बहुत बड़ा सवाल है कि इस संसार का निर्माण कब और कैसे हुआ? इतना ही नहीं सबसे बड़ा सवाल तो ये भी है कि इस संसार का पहले मानव का जन्म कब और कैसे हुआ था? प्रकृति और मानव से जुड़े कई ऐसे रहस्य हैं जिनके बारे में कोई नहीं जानत.
आज हम आपको एक ऐसा वीडियो दिखाने जा रहे हैं जिसमें बिंग बेंग नामक एक थ्योरी का जिक्र किया गया है. इस वीडियो में बताया गया है कि आज से लगभग चार अरब साल पहले हमारे अरब महासागर में जीवन की चहल-पहल होना शुरू हो गई थी. हाइड्रोजन, हीलियम, कार्वन और नाइट्रोजन के मिलने से जीनव के आवश्यक परिस्तिथि उत्पन्न होने लगी थी और इसके बार पृथ्वी पर जीवन के शुरुआत एक सूक्ष्म जीवाणु के रूप में होने लगी.
आपको बता दें की लगभग 2.5 अबर साल पहले किसी सूक्ष्म जीवाणु ने सूर्य की किरणों को अपने जीने के लिए इस्तेमाल करना शुरू किया. इसीलिए उन्होंने सबसे पहले एक उत्पाद बनाया जो ओक्सीजन था. ओक्सीजन से जटिल जीवन की कल्पना करना आसान हो गया था. उस दिनों महासागरों में लोहे की मात्रा बहुत ज्यादा था. ओक्सीजन और लोहे की क्रिया से जंग का निर्माण होने लगा.
जिससे अरबों सालों तक जंग समुद्र के तल में जमने लगी. जिससे लोहे की मात्रा कम हुई और ओक्सीजन की मात्रा ज्यादा होने लगी. इसके बाद जीवाणु ने ओक्सीजन का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया. इसके बाद ओक्सीजन कि साहयता से समुद्र में कई जीवों का निर्माण होना शुरू हो गया. लेकिन उस समय भी धरती पर जीवन नहीं था.
लगभग 50 करोड़ साल पहले सबसे पहला जलचर जिसमें मात्र एक हड्डी थी उसने महासागर में जन्म लिया. ये जीवन कि क्रान्ति में सबसे पहले कदम था. पृथ्वी पर चार अरब साल तक जीवन सिर्फ समुद्र में ही था. इनमें कई सारे जलचर और पेड़-पौधे थे. परंतु जब पृथ्वी के वातावरण में ओक्सीजन कि मात्रा बड़ी तो ओजोन लेयर बनी जो पृथ्वी पर जीवन का सूर्य की किरणों से बचाव करती थी.
इसी वजह से धरती पर पेड़-पौधे उगने लगे और लगभग 40 करोड़ साल में पृथ्वी पर जंगल ही जंगल नजर आने लगे. लगभग 40 करोड़ पहले किसी जलचर ने धरती पर कदम रखा और जमीन पर जीवन कि शुरुआत हुई. जिन्हें हम अपना पूर्वज कहते हैं. आप नीचे दी गई इस वीडियो में जान सकते हैं कि उसके बाद एक जानवर से मानव का निर्माण हुआ.