भारत में शुरू से लेकर आज तक जब भी किसी राजनेता ने अपने काम के प्रति ईमानदारी नहीं बरती है उसके खिलाफ जनता ने कई बार विरोध प्रदर्शन किये है. लेकिन आज तक किसी चुनाव में हार का सामना करने के बाद किसी पार्टी के साथ ऐसा नहीं देखने को मिला है. जैसा आज देखने को मिला है. जब से देश अंग्रेजों के चंगुल से आज़ाद हुआ है तब से लोकतंत्र की शक्ति जनता के हाथों में है जिसके लिए कहा भी जाता है “लोकतंत्र में जनता के लिए जनता की जनता के द्वारा चुनी हुई” सरकार होती है.
जनता के पास वो पॉवर होती है जो किसी बड़े से बड़े नेता को सत्ता से हटा सकती है और किसी दलित को सत्ता पर बैठा सकती है. भारत ही नहीं दुसरे देशों में भी हर किसी सरकारी पद की एक समय सीमा होती है. सरकार में दो पदों सबसे अहम भूमिका निभाते है, पहला जो जनता के द्वारा चुनी हुई सरकर होती है, दूसरा वो जिस सरकार को जनता द्वारा पद से हटा दिया जाता है जिसको हम ‘विपक्ष’ के नाम से भी जानते है.
जब भी चुनाव होते है तो जितनी भी पार्टियाँ चुनाव लड़ने के लिए अपना नामांकन कराते है वो जितने के लिए अपनी पूरी जान लगा देते है. लेकिन जब कोई पार्टी चुनाव नहीं जीत पाती है तो वह दूसरी तरह से लोगों की सेवा करने के मार्ग पर चल देती है, क्योंकि विपक्ष की भी देश की उन्नति में उतना ही महत्वपूर्ण भूमिका होती है जितना वर्तमान सरकार की. लेकिन चुनाव में हारने के बाद कुछ पार्टियाँ बोखला जाती है.
sourceहालहि में ऐसा ही कुछ देखने को मिला भारत में हो चुके राज्यसभा चुनावों में, जिसमें विपक्ष से लेकर वर्तमान सरकार ने राज्यसभा में अपना परचम लहराने के लिए पुरजोर कोशिश की, लेकिन हार का सामना करने के बाद जो हुआ उसको सुनने के बाद आपको विश्वास नहीं होगा, क्योंकि शायद ही पहले ऐसा कुछ आपको देखने को मिला होगा.
क्या है पूरा मामला
दरअसल राज्यसभा में हालहि में चुनाव हुए जिसके बाद बीजेपी को ऐसा बड़ा झटका लगा जिसकी उसने उम्मीद भी नहीं की होगी. ख़बर आई कि राज्यसभा चुनाव के बाद बीजेपी के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री ‘सांवर लाल जाट‘ का निधन हो गया है। जानकारी के लिए आपको बता दें कि सांवर लाल जाट अजमेर से सांसद थे और जब मोदी सरकार केंद्र में थी तब वह मंत्री भी रह चुके थे.
ये थी मौत की असली वजह
बताया जा रहा है, कि उनकी मौत बीमारी के कारण हुई थी क्योंकि वह कई दिनों से बीमार चल रहे थे लेकिन उनकी तबियत तब और खराब हो गई जब बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह तीन दिन के दौरे पर राजस्थान गए थे. लेकिन जैसे ही उनकी हालत ज्यादा बिगड़ने लगी. तो उनको एयर एंबुलेंस के जरिये दिल्ली लाया गया. जिसके बाद उनकी मृत्यु हो गई.