उपराष्ट्रपति चुनाव में वेंकैया नायडू को जिताने के लिए मोदी ने बनाया ये बड़ा प्लान जिसके बाद…

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हालहि में भारत में राष्ट्रपति चुनाव समाप्त हुए हैं, जिसमें भारत के नए राष्ट्रपति के रूप में रामनाथ कोविंद को चुन लिया गया, जिन्होंने 17 जुलाई को शपथ ली थी. लेकिन इस बार राष्ट्रपति के बाद होने जा रहे हैं उपराष्ट्रपति चुनाव. जिस तरह राष्ट्रपति चुनाव को लेकर लोगों की नज़रे टिकी हुई थी. उसी तरह उपराष्ट्रपति के चुनाव का भी कम प्रभाव देखने को नहीं मिल रहा है. पुरे देश की नज़रे 5 अगस्त को होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव पर टिकी हुई हैं. क्योंकि वह भी जानना चाहते है कि उनका अगला बनने वाला उपराष्ट्रपति कौन होगा.

उपराष्ट्रपति की भूमिका

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देश में राष्ट्रपति का पद सबसे बड़ा पद माना जाता है. लेकिन उपराष्ट्रपति भी संवैधानिक रूप से दूसरे सबसे बड़े पद पर आसीन होता है,और यह राज्यसभा के अध्यक्ष भी होते है. इनकी भूमिका बिलकुल एक स्कूल के वाईस प्रिंसीपल की तरह होती है. जैसे स्कूल में जब प्रिंसीपल नहीं आता है तो पुरे स्कूल की जिम्मेदारी वाईस प्रिंसीपल पर आ जाता है वैसे हो जब राष्ट्रपति के निधन या उनके पद से हटने पर उपराष्ट्रपति ही प्रभारी बन जाते है.

उपराष्ट्रपति चुनाव में हैं उम्मीदवार

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भारत के उपराष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार बनने के लिए कुछ शर्तों को मन्ना पड़ता है, जिसमें पहली है जो भी उम्मीदवार बनना चाहता है. उसकी उम्र कम से कम 35 वर्ष होनी चाहिए और राज्यों के मेंबर ऑफ काउंसिल ने उसे चुनाव के योग्य घोषित किया हो. वही व्यक्ति उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ सकता है. इस बार उपराष्ट्रपति चुनाव में बीजेपी ने जहाँ पूर्व केन्द्रीय मंत्री एम. वेंकैया नायडू को उम्मीदवार बनाया है वही विपक्ष ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रह चुके गोपाल कृष्ण गांधी को संयुक्त उम्मीदवार बनाया है. जिसमें अनुमान लगाया जा रहा है कि नायडू का रास्ता पूरी तरह साफ नजर आ रहा है.

नायडू को जिताने  के लिए  मोदी का बड़ा प्लान

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बीजेपी 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों को लेकर समय समय पर ऐसे मास्टर स्ट्रोक खेल रही है जिसके बाद उसका रास्ता पूरी तरह से साफ होता नजर आ रहा है. इसके लिए मोदी ने किसानों से लेकर बड़ी बड़ी इंडस्ट्रीज को लाभ पहुँचाने के लिए बहुत सी योजनायें चलाई. जिनका लोगों लोगों पर सकारात्मक प्रभाव देखने को मिला और उसी तरह मोदी ने एक बार फिर मास्टर स्ट्रोक खेला है. उन्होंने इस राष्ट्रपति चुनाव में वेंकैया नायडू को उम्मीदवार बनाया है. इसके साथ ही मोदी के सामने बड़ी चुनोती बनकर आये हैं ‘बीजद और जदयू’. पिछली बार राष्ट्रपति चुनाव में बीजद और जदयू ने रामनाथ कोविंद का साथ दिया था. लेकिन अब उपराष्ट्रपति चुनाव में इन्होंने गाँधी का समर्थन करने का फैसला किया है.

उपराष्ट्रपति चुनाव प्रक्रिया

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भारत में उपराष्ट्रपति चुनाव निर्वाचन मंडल यानी इलेक्टोरल कॉलेज के अंतर्गत होता है इस दुसरे बड़े पद के लिए किसी भी व्यक्ति को जनप्रतिनिधियों के द्वारा चुना जाता है. संसद में दोनों सदनों के सभी सदस्य एक गुप्त प्रणाली के द्वारा अपना वोट उपराष्ट्रपति को डालते हैं. राष्ट्रपति चुनाव के विपरित राज्य विधानमंडल के सदस्य इसमें भाग नहीं लेते हैं. इस चुनाव में सभी प्रतिभागियों को लगभग 20 मतदाताओं के द्वारा प्रस्तावित और 20 मतदाताओं के द्वारा समर्थित होना आवश्यक होता है, और साथ ही 15,000 रूपये जमानत राशी के तौर पर जमा करना भी आवश्यक होता है. इसमें एक प्रक्रिया और है कि अगर प्रत्याशी एन मौके पर चाहे तो निर्वाचन अधिकारी को लिखित में नोटिस देकर नाम वापस भी ले सकता है.