‘झूठ’ एक ऐसा असत्य बयान के रूप में दिया गया एक प्रकार का धोखा होता है, जिसका उद्देश्य किसी को धोखा देना या किसी के सामने असत्य को सत्य के रूप में रखना होता है. झूठ जितना छोटा-सा शब्द है उसका परिणाम उतना ही बड़ा होता है. कई जगहों पर झूठ का इस्तेमाल अच्छे कार्यों के लिए किया जाता है तो कई लोग झूठ का साथ अपने निजी फायदे के लिए लेते हैं. इतना ही नहीं अगर हम अपने इतिहास में झाँक कर देखें तो हमे पता चलेगा ना जाने कितने लोगों की जान सिर्फ एक झूठ के कारण चली गई है.
हम सब भी अपने जीवन में ना जाने कितनी बार झूठ का इस्तेमाल किसी न किसी मकसद के लिए करते रहे हैं. कई बार हमारे झूठ बोलने के पीछे का उद्देश्य अच्छा होता है तो कई बार उसके नुकसान के बारे में जानते हुए भी हम झूठ का इस्तेमाल करते हैं. आज हम भारत में फैले उन झूठ को आपके सामने ला रहे हैं जिसको आज तक पूरा भारत सत्य मानकर जी रहा था.
इतना ही नहीं इन सभी झूठ के बारे में जानने के बाद आप सभी के होश उड़ना तय है. आज हम आपको भारत में प्रचलित उन झूठ से अवगत कराने वाले हैं जिन्हें आप सभी कई वर्षों सत्य मानते आ रहे हैं. इतना ही नहीं जिन झूठ के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं उसके बारे आज तक इतना लिखा जा चुका है कि वो हमे सत्य लगता है. आइये हम बारी-बारी से उन सभी झूठ के बारे में बिस्तार से जानते हैं.
पहला प्रमुख झूठ है –
हम सभी इस बात को हमेशा से सुनते आ रहे हैं कि 1960 के रोम ओलंपिक गेम में 400 मीटर की दौड़ के दौरान मिल्खा सिंह ने पीछे मुडकर देखा था जिसके कारण उन्हें अपनी हार का सामना करना पड़ा था. लेकिन हम आपको बता दें कि इस बात में कोई सच्चाई नहीं है. बल्कि सत्य तो यह है कि मिल्खा सिंह इस दौड़ में पांचवें स्थान पर थे और काफी कोशिश और मेहनत के बाद वो चौथे स्थान हासिल कर सके थे. इस बात में कोई सच्चाई नहीं है कि वो उस दौड़ में प्रथम स्थान पर थे और पीछे देखने के कारण उनके साथ ये सब कुछ हुआ.
दूसरा प्रमुख झूठ है –
हम सभी सालों से ये बात सुनते आ रहे हैं कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मौत विमान हादसे में हुई थी. लेकिन सच्चाई यह नहीं जो हम जानते हैं, बल्कि सच्चाई कुछ और है. बता दें कि वर्ष 1999 में आई मुखर्जी रिपोर्ट के अनुसार नेताजी सुभाष चंद्र की मौत 1945 में हवाई दुघर्टना में नहीं हुई थी और इस बात का कोई सबूत भी किसी के पास नहीं है जो इस बात को सत्य साबित कर सके. इसका कोई प्रमाण भी किसी के पास नहीं है.
तीसरा प्रमुख झूठ है –
हम सभी ने कई बार गाँधी जी का एक वाक्य जरुर सुना है जिसमे गाँधी जी ने कहा है कि आँख के बदले आँख पूरी दुनिया को अँधा बना देगा. लेकिन आपको बता दें कि ये वाक्य गांधी जी ने कहा ही नहीं है. इसके बावजूद ना जाने कितने लोग इस वाक्य को एक दुसरे तक पहुंचाते रहते हैं. इस वाक्य की सच्चाई तो यह है कि ये गांधी जी पर बनी एक फिल्म में इस वाक्य का इस्तेमाल किया गया था जो की उस फिल्म का एक डायलॉग मात्र था जिसे उस फिल्म में गांधी जी की भूमिका निभाने वाले कलाकार ने बोला था. इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि गांधी ने इस वाक्य को बोला है.
चौथा प्रमुख झूठ है –
बिहार के नेता लालू प्रसाद यादव को आज कौन नहीं जानता है. चौथा झूठ जिसके बारे में हम बात कर रहे हैं वो झूठ उनकी बेटी मीसा भारती के बारे में है. आपको बता दें कि कुछ समय पहले मीसा भारती का एक फोटो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा था जिसमे वो हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में लोगों को संबोधित कर कर रही हैं. इस तस्वीर को सोशल मीडिया पर खूब साझा किया गया था, जिसके बाद राजनीतिक गलियारे में उनकी खूब चर्चा होने लगी थी. हालांकि हार्वर्ड के प्रवक्ताओं ने इस बारे में बताया कि मीसा ने कभी भी इस तरह का कोई लेक्चर कभी दिया ही नहीं था.
पांचवा प्रमुख झूठ है –
हम सभी अपने बचपन के दिनों से एक बात सुनते आ रहे हैं कि हमारा राष्ट्रीय खेल हॉकी है. लेकिन हालहि में RTI के एक जवाब में खेल मंत्रालय ने इस बात को स्पष्ट कर दिया है कि भारत का राष्ट्रीय खेल हॉकी नहीं है. अगर हम तथ्यों के बारे में बात करें तो हॉकी को कभी भी भारत का राष्ट्रीय खेल घोषित नहीं किया गया था.