फ़िल्मों में काम पाने के लिए आप दिन रात मेहनत करते है.आप पूरी जी जान लगा देते है कि आपको फ़िल्मों में काम मिल सके.आप अपना घर छोड़कर मुंबई जैसी महंगी जगह में रहने चले जाते है.आप वंहा काम पाने के लिए एड़ी चोटी का ज़ोर लगा देते है पर फ़िर भी आपको काम मिले ज़रूरी नहीं और आपके हाथ निराशा ही लगती है.
बॉलीवुड ने हमे कई ऐसे अभिनेता और अभिनेत्रियाँ दी है. जो अपनी एक्टिंग के बलबूते आज फ़र्श से अर्श पर बैठ गए है. इन अभिनेता और अभिनेत्रियों ने आज जो भी मुक़ाम हासिल किया वो अपनी कड़ी मेहनत और लगन से हासिल किया है.
बॉलीवुड में ऐसे कई बड़े स्टार रहे हैं जिनकी फिल्मे पर्दे पर आते ही धमाल मचा देती है. बॉलीवुड में जहां आपको दिलीप कुमार, अमिताभ बच्चन, राजेंद्र कुमार से लेकर राजकुमार और देवानंद जैसे महान अभिनेता दिये है, तो वहीं पाकिस्तान की फिल्म इंडस्ट्री भी टैलेंट के मामले में कही पीछे नहीं हैं.
आज हम आपको पाकिस्तान फिल्म इंडस्ट्री के एक ऐसे मशहूर अभिनेता के बारे में बताने जा रहे है. जिसने ना सिर्फ पाकिस्तानी फिल्म इंडस्ट्री को नई ऊंचाईयों तक पहुंचाया बल्कि वो खुद साउथ एशिया के सबसे ज्यादा शक्तिशाली और सबसे ज्यादा मशहूर अभिनेताओं में से एक थे. इस अभिनेता को उस समय पाकिस्तान में बच्चा-बच्चा जानता था.ये अभिनेता थे वहीद मुराद.
वहीद मुराद एक ऐसे शख्स थे जिनके अंदर अभिनय करने के अलावा और भी बहुत गुण थे. पाकिस्तान में ऐसे कई लोग थे जो इनको अपना गुरु मान चुके थे. लोग इनके नक़्शे कदम पर चलते थे. वहीद मुराद के प्रशंसक उनके स्टाइल, कपड़े पहनने का तरीका, यहां तक कि उनके बोलने के अंदाज और हेयर स्टाइल को भी कॉपी करने की कोशिश करते थे. एक्टिंग करने के साथ-साथ वहीद मुराद प्रोड्यूसर और स्क्रिप्ट राइटर भी थे.
वहीद मुराद ने पाकिस्तान फ़िल्म इंडस्ट्री में अपने करियर की शुरुआत प्रोड्यूसर के रूप में की थी, लेकिन लोगों की ख्वाहिश को पूरा करते हुए वहीद मुराद ने एक्टिंग में हाथ अजमाने की सोची क्योंकि वाहिद में वो हर एक खूबी थी जो किसी हीरो के अंदर होनी चाहिए. लेकिन उस समय वहीद को एक्टिंग करना पसंद नहीं था.
दोस्तों रिश्तेदारों के काफी मनाने के बाद वहीद मुराद फिल्मों में हीरो के रूप में अभिनय करने के लिए तैयार हुए. 1966 में आई फ़िल्म ‘अरमान’ से इन्होंने अपना एक्टिंग करियर की शुरुआत की.फिल्म ने पाकिस्तान में रिलीज होते ही पाकिस्तान फ़िल्म इंडस्ट्री को एक अलग ही पहचान दिला दी.
किसी को यकीन नही हुआ कि कोई नया लड़का आते ही अपनी एक्टिंग से फ़िल्म को एक रात में हिट करवा देगा. वहीद की इस फिल्म ने रिलीज होते ही बॉक्स ऑफिस के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए. वहीद मुराद की सिर्फ एक झलक पाने के लिए लोग रात-रात भर उनके घर के बाहर लंबी-लंबी लाइन लगाकर उनका इंतज़ार करते थे. उनकी इस पहली फ़िल्म की सफ़लता का अंदाज़ा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि यह फ़िल्म 75 हफ्तों तक सिनेमाघरों में लगी रही.
इसके बाद वहीद मुराद ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और बहुत सारी फिल्मों में काम किया. वहीद की लगभग सारी फ़िल्मों ने सफ़लता के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिये और इस तरह वहीद मुराद ने 60 के दशक तक पाकिस्तान फ़िल्मी जगत पर राज किया. 2 दशकों में वहीद मुराद ने बहुत बड़ा मुक़ाम हासिल कर लिया था. वहीद की हर फिल्म सिल्वर, गोल्डन और डायमंड जुबली मना रही थी. वहीद मुराद पाकिस्तान के एक अकेले ऐसे स्टार रहे जिनके नाम सबसे ज्यादा प्लेटिनम का रिकॉर्ड है.
वहीद मुराद की चमक धीरे-धीरे फिल्मी परदे से खत्म होने लगी. जल्द ही इनकी जिंदगी में एक नया मोड़ आ गया जब इनका करियर अर्श से फ़र्श पर आने लगा और उनकों फ़िल्मों में हीरो की जगह सेकेंड्री हीरो का रोल अदा करने के ऑफर आने लगे.
वहीद के डूबते करियर का नतीजा ये हुआ कि जो अभिनेत्रियां उनके साथ काम करने से पहले कभी सोचती नहीं थी और एकदम उनके साथ फ़िल्म करने का मौका पाते ही हाँ कर देती थी. बाद में इन अभिनेत्रियों ने इनके साथ काम करने से साफ़ मना कर दिया. इन सब चीजों को देखते-देखते वहीद डिप्रेशन का शिकार हो गए और इन्होंने खुद को पूरी तरह से शराब में डुबो लिया.
वहीद को अपने बुरे दौर में शराब, नींद की गोलियों और तंबाकू की बुरी लत लग चुकी थी. जिसने वहीद मुराद की जिंदगी को स्वर्ग से नरक बना दिया. इन सब बुरी आदतों का नतीजा ये हुआ कि वहीद के पेट में अल्सर हो गया और खूब खून बहने लगा. बीमारी के बावजूद वहीद के ऊपर जो एक्टिंग का खुमार चढ़ा था वो उतरा नहीं था.
1983 में वहीद के साथ एक बहुत बड़ा हादसा हुआ. वहीद शराब के नशे में गाड़ी चलाकर कही जा रहे थे तभी वहीद की गाड़ी एक पेड़ से टकराई और एक्सीडेंट हो गया. इस एक्सीडेंट में वहीद को बहुत चोंटे आई और सबसे ज्यादा चोट उनके चेहरे पर लगी और सर्जरी कराने की नौबत आ गई.लेकिन इससे पहले ही सबकुछ ठीक हो पाता,वहीद मुराद कमरे में मरे हुए मिले.
जिस दिन वहीद मुरीद की सर्जरी हुई उससे ठीक एक दिन पहले ही वहीद ने अपना जन्मदिन मनाया था और अगले दिन जब वहीद बहुत देर तक नहीं उठे तो उनके कमरे का दरवाजा तोड़ा गया. जैसे ही लोग दरवाज़ा तोड़कर अंदर घुसे वहीद मुरीद की लाश पड़ी हुई मिली थी. आजतक यह सवाल बना हुआ है कि वहीद मुराद की हत्या हुई थी या फिर उन्होंने सुसाइड किया था.