भारत के प्रधानमंत्री द्वारा जब नोटबंदी का ऐतिहासिक फैसला लिया गया तो सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ही प्रकार की बातें सामने आयीं थीl इस फैसले का सकारात्मक पक्ष ये था कि इससे देश का काला धन बाहर आ जायेगा और देश विकास की राह पर आगे बढ़ेगा जबकि नकारात्मक पक्ष रखने वाले लोगों ने कहा कि मोदी सरकार ने ये फैसला जल्दबाज़ी में लिया हैl विपक्षी पार्टियों ने नोटबंदी के फैसले पर मोदी सरकार को घेरना शुरू कर दिया थाl उन्हें लगा कि इस फैसले से मोदी सरकार ने अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार दी हैl
नोटबंदी के दौरान मोदी सरकार पर आरोप लगाये गए कि इससे अर्थव्यवस्था की गति धीमी पड़ जायेगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं नोटबंदी से देश को फायदा ही हुआ है और देश बदस्तूर प्रगति की राह पर चल रहा हैl हाँ! इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है की नोटबंदी के समय में देश की जनता को कई परेशानीयों का सामना करना पड़ा थाl नोटबंदी के बाद मोदी सरकार के चलाए गए 2000 के नोटों से लोगों को कई तरह की परेशानी हुई थीl
लेकिन सरकार अब बाजर में छोटे नोटों की कमी को दूर करने के लिए 200 रुपए के नए नोट ला रही हैl बता दें कि अगले 15 दिनों में आरबीआई सभी बैंकों के एटीएम 200 के नोट डाल सकती हैl आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आरबीआई ने 200 के नोटों की प्रिंटिंग काफी पहले ही शुरू हो कर दी थी और अब जाकर आरबीआई इन नोटों को बाजार में उतार रही हैl इन नोटों के आने के बाद बाज़ार में छोटे नोटों की मात्रा बढ़ जायेगी जिससे लोगों की परेशानी कम होगीl
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मोदी के नोटबंदी के बाद आरबीआई ने 500 और 2000 के नए नोट जारी किये थे और पुराने 500 और 1000 के नोटों के चलन पर पाबंदी लगा दी थीl सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार चाहती है कि बाजार से बड़े नोट का सर्कुलेशन कम किया जाए और छोटे नोटों का सर्कुलेशन बढ़ाया जाएl इसलिए आरबीआई ने देश में 2000 रुपए के नोट की प्रिटिंग बंद कर दी हैl अगर छोटे नोट ज्यादा होंगे तो कई तरह से भ्रष्टाचार पर लगाम लगाई जा सकती हैl
बता दें कि SBI बैंक ने एक रिपोर्ट तैयार की है जिसमे बताया गया है कि नोटबंदी से पहले देश में छोटे नोट का सर्कुलेशन सिस्टम के अंदर केवल 14% थाl जो की अब बढ़कर टोटल वैल्यु के आधार पर 28% हो गया हैl इस बारे में एक बैंकर का कहना है कि छोटे नोटों का इस्तेमाल जैसे-जैसे बढ़ रहा है उसके साथ जमाखोरी कम हो रही है जिसका फायदा सरकार और देश की जनता को होगाl
अभी तक बाजार में काफी बड़े नोट थे जिनको जमा करके रखना बहुत आसान है जैसा की अबतक चलता आ रहा है लेकिन अब ये धीरे-धीरे कम हो जाएगाlएक रिपोर्ट के अनुसार हमारे सिस्टम में अभी भी 3-4 अरब 500 के नोटों की प्रिंटिंग आरबीआई ने की हैl ऐसे में अब अनुमान ये लगाया जा रहा है की अब आरबीआई इसकी भरपाई 200 के नए नोटों से करेगाl 500 और 2000 के नोटों की छपाई को कम करने के पीछे का मकसद यही है की उन नोटों की जगह छोटे नोट ले सकेंl