काफी दिनों से बिहार में चल रही गतिविधियों के बाद अटकलें लगायी जा रही थी कि हो सकता है मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दें. ऐसे में आख़िरकार बुधवार को सभी अटकलों को सही साबित करते हुए नीतीश कुमार ने बिहार के मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया है. सिर्फ यही नहीं इधर नीतीश कुमार ने इस्तीफ़ा दिया और उधर राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी ने उनका इस्तीफा मंजूर भी कर लिया. इस्तीफा देने के बाद जब नीतीश कुमार ने मीडिया से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि, ” मुझसे जितना संभव हो सका मैंने उतने दिन मैंने सरकार चलाई, लेकिन अब जो हालात हैं उसमें मेरे लिए काम कर पाना संभव नहीं रह गया है और इसलिए मैंने इस्तीफा देने का फैसला किया है.” नीतीश कुमार.
कुछ ही दिन पहले RJD अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के ऊपर छापेमारी की थी. जिसके बाद RJD और JDU दोनों के बीच संबंध ख़राब हो गये थे. लालू के पुत्र तेजस्वी यादव पर होटल के बदले भूखंड मामले में आरोपी साबित होने के चलते JDU ने तेजस्वी यादव को उप-मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे देने की मांग उठाई जा रही थी.JDU बार-बार तेजस्वी यादव को इस्तीफे देने के लिए मांग कर रही थी जिसके बाद लालू ने दो टूक लहजे में कह दिया था कि तेजस्वी इस्तीफा नहीं देंगे. ऐसे में नीतीश कुमार के पास मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचा था.
NDA से अलग होकर नीतीश कुमार कि पार्टी JDU ने RJD और कांग्रेस के साथ मिलकर महागठबंधन बनाया था. इस महागठबंधन ने राज्य में विशाल जीत दर्ज की थी, लेकिन सत्ता में आते ही नीतीश कुमार काफी परेशान नज़र आ रहे थे. लालू और उनके परिवार की ख़राब छवि के चलते नीतीश कुमार पर भी असर पड़ रहा था. वही नीतीश कुमार की छवि पुरे बिहार राज्य में ईमानदार राजनेता के तौर पर है. बीजेपी के साथ बिहार में उनकी पिछली सरकार के दौरान राज्य का काफी विकास हुआ था. नीतीश कुमार को बिहार में सुशासन बाबू के नाम से पुकारा जाता है.
नीतीश कुमार ने अचानक इस्तीफा देकर बिहार में बड़ा सियासी दांव चला है. बिहार में सियासी घटनाक्रम अगले कुछ दिनों में क्या करवट लेता है, यह सामने आना अभी बाकी है. लेकिन नीतीश कुमार ने इस्तीफे देकर बिहार में अपनी सियासी स्थिति को और मजबूत कर लिया है. इस बड़े कदम के बाद नीतीश कुमार की छवि एक ऐसा नेता के रूप में बनी है जो भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं करता.
इस इस्तीफे के जरिये नीतीश ने यह भी दिखा दिया है कि वे हिम्मत भरे फैसलें लेना जानते हैं. नीतीश कुमार सत्ता में रहते हुए जिस तरीके से गठबंधन के सहयोगी दल RJD अध्यक्ष लालू और उनके पूरे परिवार पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर कड़ा रुख अपनाया है, उससे उनकी छवि बिहार में और मजबूत हो गयी है.