इस बड़ी भविष्यवाणी के कारण भारत पर मंडरा रहा है बहुत बड़ा संकट…

5128
Share on Facebook
Tweet on Twitter

भारत के प्रधानमंत्री देश में ही बल्कि विदेशों में भी लोकप्रिय प्रधानमंत्री है। जैसा की सभी जानते है 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी की भारी जीत हुई थी। जिसके कारण माननीय नरेन्द्र मोदी जी प्रधानमंत्री के पद पर स्थापित हुए थे।लेकिन अब बात करते है भारत के ऊपर मंडरा रहें खतरे के बारें में, ज्योतिष अनुसार कहा जा रहा है अगर कुंडली की तरफ देखों तो मंगल व राहु का स्थान या या दृष्टि संबंध स्थापित हो तो ऐसी अवस्था में अंगारक योग का निर्माण होता है।कहा जाता है इस योग के प्रभाव के कारण आक्रामकता, उत्तेजना व नकारात्मकता आती है।

 

source

इसी प्रभाव की वजह से बंधुओं, मित्रों, रिश्तेदारों व पड़ोसियों के साथ संबंध खराब होते हैं। ज्योतिष का कहना है कि अंगराक योग के कारण मनुष्य को काफी गुस्सा आता है जिसके कारण अपराध भी होते है।इस तरह का योग काफी भयानक हो सकता है क्योंकि कुडली में मंगल व राहु दोनों में से किसी के अशुभ होने पर अधिक बुरा हो सकता है। अगर मनुष्य कुंडली में मंगल व राहु दोनों में से एक शुभ हो तो इसका फल अशुभ हो सकता है। कुंडली में मंगल व राहु दोनों के शुभ होने पर अंगारक योग के शुभ फल भी मिलते हैं।

source

जानकारी के मुताबिक देश के विकास के रुप में पहचाने जाने वाले भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बात करें तो वह माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर भी वे सबसे ज्यादा फॉलोअर वाले भारतीय नेता हैं। टाइम पत्रिका ने मोदी को पर्सन ऑफ़ द ईयर 2013 के 42 उम्मीदवारों की सूची में शामिल किया है। इनका जन्म रविवार दिनांक 17.09.1950 गुजरात के मेहसाना जिले में हुआ था। इनके जन्म समय चंद्र व मंगल दोनों ही कुण्डली के लग्न में वृश्चिक राशि में विराजमान थे। ग्यारहवें भाव कन्या राशि में सूर्य बुध व केतु विराजित थे। धनेश व पंचमेश बृहस्पति चौथे भाव कुंभ राशि में विराजमान थे। द्वादशेश व सप्तमेश शुक्र तथा परकर्मेश व सूखेश शनि दसवें भाव सिंह राशि में विराजमान थे।

source

ग्रहों की माने तो पीएम मोदी की कुंडली में बहुत से महापुरुष योग, बुधादित्य योग, अमल कीर्ति योग, पर्वत योग, सांख्‍य योग, अखंड साम्राज्य योग और अमर योग जैसे कुछ योग बन रहे है, इसके अलावा भी कुछ विशिष्ट भी है। मोदी जी की कुंडली में कुछ विशिष्ट शुभ योग भी बन रहे हैं जो इस प्रकार हैं; भाग्य स्वामी चंद्रमा नीचभंग योग बना रहा है। गुरु-चंद्र मिलकर गजकेसरी योग बना रहे हैं। वही अगर भारत में आंगरक योग तीसरे ,चौथे,छठे  सातवें, आठवें, नवें, दसवें व एकादश भाव को प्रभावित करेगा। जिसके कारण अांतकबाद से देश को खतरा हो सकता है। भारत देश 15.08.1947 की मध्यरात्रि के बीच आजाद हुआ था।

 

source

इस समय में राजनीतिक दशा भी ठीक नही समझी जा रही है।अगस्त माह में मंगल तथा सितंबर माह में ही बृहस्पति और राहु भी राशि परिवर्तन करेंगें। वैदिक ज्योतिष की गोचर प्रणाली अनुसार वर्तमान में कर्क का नीच मंगल भारत की राशि में है व मोदीजी के भाग्य स्थान पर है।ज्योतिष के अनुसार देखें तो भारत की आजादी के दौरान इसकी कुंडली  लग्न की बनी थी। 2025 तक भारत देश पर राशि चंद्रमा की महादशा चलेगी।इस समय जो राहु की अंतर्दशा चल रही है  वह भारत के लिए काफी नुकसानदायक साबित हो सकती है।

 

 

source

ज्योतिष ने इसी तरह की बहुत सी भविष्यवाणी की है लेकिन इस समय के अनुसार ज्योतिष की गोचर प्रणाली में मंगल कर्क राशि से सिंह राशि में रविवार दिनांक 27.08.17 को प्रात: 08:51 पर प्रवेश करेंगे। अशुद्ध राहु छाया शुक्रवार दिनांक 18.08.17 को रात  00:37 बजे सिंह राशि से कर्क राशि में प्रवेश करेगी। तथा शुध रूप से राहु सिंह राशि से कर्क राशि में शनिवार दिनांक 09.09.17 रात 02:03 पर प्रवेश करेगा। अगर दोनों  तरह से देखा जांए तोे,दिनांक 18.08.17 से दिनांक 09.09.17 तक राहु मंगल की युति रहेगी जिससे की आंगरक दोष का निर्माण होगा। भारत की लग्न कुंडली से अंगारक योग पराक्रम और चतुर्थ स्थान पर बनेगा तथा चंद्र राशि से धन और लग्न में बनेगा। इन सभी लगन की वजह से प्रधानमंत्री मोदीजी की लग्न कुंडली और चंद्र कुंडली से अंगारक योग भाग्य और कर्म स्थान पर बना रहेगा जिसके करण इसके परिणाम काफी नुकसानदायक साबित हो सकते है।