दिल्ली से सटे नोएड़ा के बहुचर्चित निठारी कांड के दोनों दोषी मनिंदर सिंह पंढेर और सुरेंद्र कोली को हाल ही में फांसी की सजा मिलने के बाद ये केस जैसे एक बार फिर जिन्दा हो गया हैl दोनों आरोपियों का गुनाह कितना संगीन था इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इस कांड में नर पिशाच के नाम से मशहुर कुख्यात सुरेंद्र कोली को 7वीं बार मौत की सजा सुनाई गई हैl खुद कोर्ट ने भी इस केस को रेयरेस्ट ऑफ द रेयर मानते हुए दोनों दोषियों को मरते दम तक फांसी पर लटकाने का कठोर आदेश दिया हैl
इसे पहले सजा सुनाए जाने से पूर्व सोमवार 24 जुलाई की सुबह को सजा पर बहस के दौरान आरोपी और मनिंदर सिंह पंढेर की नौकर सुरेंद्र कोली कोर्ट रूम में ही आक्रोशित हो गयाl फांसी की सजा मिलने के बाद कोली का कहना था कि उसके साथ अन्याय हुआ हैl अभियोजन पक्ष अपने केस को साबित नहीं कर सका हैl जजों के पैनल के सामने कोली ने कहा कि यह कोर्ट का नहीं बल्कि CBI का आदेश हैl वह अपनी सजा के बारे में क्या कहे, कोर्ट जो चाहे फैसला सुना देl
आरोपी कोहली के इस आक्रोश को देख विशेष न्यायाधीश पवन कुमार तिवारी ने कोली को समझाया कि वह अपनी सजा पर बहस कर सकता हैl इस पर कोली ने कहा कि DNA टेस्ट से लापता बच्चों और उनके परिजनों का तो पता चलता है, मगर इससे यह कहां सिद्ध होता है कि उनके साथ किसने रेप की कोशिश की या किसने उनकी हत्या कर दीl अभियोजन दस्तावेजों के आधार पर उसके खिलाफ कोई सबूत पेश नहीं कर सका हैl यहां तक कि उसे पोस्टमार्टम रिपोर्ट तक नहीं दी गईl ऐसे मे वह इस कोर्ट से कैसे न्याय की उम्मीद कर सकता हैl
मनिंदर सिंह पंधेर के अधिवक्ता ने दिया आठ साल जेल और बीमारी का हवाला:
मोनिंदर सिंह पंधेर के वकील देवराज सिंह ने सजा पर बहस करते हुए पंधेर की बीमारी का हवाला दिया और कहा कि उनका मुवक्किल बीमार है और इस सजा से पहले ही उसने आठ साल का लंबा सफ़र जेल में पहले ही बिता दिया हैl जिसे देखते हुए उसके साथ उदारता का व्यवहार किया जाए और साड़ी बातों को ध्यान में रखते हुए उन्हें कम से कम सजा का दंड दिया जाएl
CBI ने कोर्ट से की फांसी की मांग
दोनों आरोपियों की सजा पर बहस करते हुए CBI के विशेष वकील जेपी शर्मा और खालिद खान ने आरोपियों के दंड गिनवाते हुए कहा कि दोनों दोषियों ने एक ऐसी असहाय गरीब लड़की को अपनी क्रूरता का शिकार बनाया जो कि घरों में झाड़ू पोंछा का काम करती थीl अपनी हवस का शिकार बनाने के लिए दोषियों ने न केवल उसके साथ हैवानियत दिखाई बल्कि उसकी हत्या भी कर दीl इन दोनों ने जो किया है वो एक पशु के साथ भी नहीं किया जाताl मृतका की आत्मा को तभी शांति मिलेगी, जब कोर्ट दोनों को फांसी की सजा सुनाएगीl
कोर्ट में कोली-पंधेर को फांसी सजा मिलते ही पीड़ित परिजनों के चेहरों पर आ गई मुस्कराहट
बता दें कि CBI की विशेष अदालत ने जैसे ही दोनों आरोपी मोनिंदर सिंह पंधेर और सुरेंद्र कोली को फांसी की सजा सुनाई वैसे ही अदालत में बैठे सभी पीड़ितों के चेहरों पर खुशी की लहर दौड़ गई मानो उनके सालों बाद ही सही लेकिन न्याय मिल गयाl निठारी कांड के अन्य मामलों के पीड़ित और मुख्य पीड़िता मेड की मां भी सोमवार को CBI की विशेष अदालत में न्याय की आस लेकर पहुंची थीl
सालों से न्याय का इंतजार करती बूढी माँ सुबह 10 बजे ही अदालत में पहुंच गए और न्याय मिलने का इंतजार करने लगीl दोपहर करीब एक बजे जैसे ही CBI अदालत ने कोली और पंधेर को फांसी की सजा सुनाई वैसे ही पीड़ितों के चेहरों पर न्याय मिलने की खुशी साफ झलकने लगीl दोषियों को मिलने वाली सजा सुनने के लिए CBI विशेष अदालत पहुंची मेड की मां ने भावुक होते हुए कहा कि अब जाकर उनकी बेटी को न्याय मिला है, जब उसके हत्यारों को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई हैl उन्होंने बताया कि इस मामले में कई डॉक्टर्स भी दोषी हैं, जिनकी सीबीआई जांच होनी चाहिएl
कई बड़े वकीलों को हटा कोली ने खुद की थी अपनी पैरवी
आपको सुनकर शायद हैरानी होगी कि निठारी कांड के दोषी सुरेंद्र कोली ने मेड की मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट के बड़े-बड़े वकीलों से लेकर अन्य दिग्गज वकीलों को अपनी पैरवी से दरकिनार कर खुद ही अपने केस की पैरवी कर अपना पक्ष रखा थाl जानकारी के लिए बता दें कि साल 2014 से लेकर अब तक CBI कोर्ट में सुरेंद्र कोली मेड के मामले में करीब तीन वकीलों को दरकिनार कर चूका हैl इसमें उसने सरकार की ओर से मिले न्याय वकील को बदलकर, गाजियाबाद के वकील सुबोध त्यागी की अदालत में मांगा की थीl
जिसके बाद कोली ने सुबोध त्यागी को भी हटाने के लिए कोर्ट में खुद एक ख़ास अर्जी देते हुए सुप्रीम कोर्ट के वकील रविंद्र गाड़िया की अपना केस लड़ने के लिए मांग की थीl सुरेंद्र कोली ने बाद में सुप्रीम कोर्ट के इस बड़े वकील को भी अपने केस से हटाए जाने की अर्जी कोर्ट में दी और खुद ही अपने केस की पैरवी करने की मांग की थीl कोर्ट में फैसला सुनने पहुंचे निठारी RWA के पूर्व अध्यक्ष सतीश चंद्र मिश्रा ने भी मीडिया से बात करते हुए बताया कि साल 2006 में सबसे अधिक बच्चे गायब होने की शिकायत सबसे पहले RWA के पास ही आई थी, जिसके बाद RWA के पदाधिकारियों ने निठारी चौकी और सेक्टर-20 थाने पहुंचकर सभी बच्चो की गुमशुदगी दर्ज कराई थीl उन्होंने फांसी की सजा पर बताया कि मेड के हत्यारों को फांसी की सजा मिलने से मृतकों को न्याय मिल सका हैl बाकी तमाम मामलों में भी दोनों आरोपियों को फांसी की सजा होनी चाहिएl