मोदी सरकार ने गरीबों और इमानदार मजदूरों के हित में एक और बड़ा काम किया है, अब तक कई बेईमान फैक्ट्री मालिक अपनी कंपनी में अपने मजदूरों की पूरी संख्या नहीं दिखाते थे और ना ही उन्हें पूरी सैलरी देते थे लेकिन अब उन्हें मजदूरों को चेक या NEFT के माध्यम से पूरी सैलरी भी देनी पड़ेगी।
बेईमान कंपनी मालिक टैक्स देने से बचने के लिए और सैलरी काटकर अधिक मुनाफ़ा कमाने के लिए ऐसा करते थे लेकिन अब वे ऐसा नहीं कर पाएंगे। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को देश भर में नियोक्ताओं द्वारा वेतन के डिजिटल हस्तांतरण के लिए एक अध्यादेश पारित किया। हालांकि, नकदी भुगतान की प्रणाली जारी रहेगी।