भयानक सच: बंगाल के इस काले जादू की हकीकत जानकर आपके भी पैरों तले खिसक जांएगी जमीन…

बंगाल के काले जादू का ये भयानक सच आया सामने देखें VIDEO

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काला जादू का नाम सामने आते ही भारत का बंगाल राज्य दिमाग में घूमने लगता है।काला जादू एक बहुत पुरानी विधा है जिसका प्रयोग किसी के भी साथ गलत और सही दोनों वजह के लिए किया जा सकता है | काला जादू तंत्र मंत्र का समूह है जिसके द्वारा मन पसंद काम को सफल किया जा सकता है इसके किये विभिन्न प्रकार के टोटके किये जाते है जिसके द्वारे हम इच्छित परिणाम प्राप्त कर सकते है |

आप सभी लोग ये सोचते होंगे की काला जादू कैसे किया जाता है और इसका प्रयोग कहाँ पे कर सकते है |तो जरा धयान रहे की इसको कही भी प्रयोग किया जस सकता है यहाँ तक की दुशमन को भी तबाह किया जा सकता है और किसी को भी आबाद किया जा सकता है तो मई बताना चाहता हु की कला जादू से हम किसी को भी अपने वस में कर सकते है |

हम काला जादू प्रयोग किसी लड़के/लडकी को पटाने के लिए भी कर सकते है जिसको आप पसंद करते है उसके ऊपर कुछ कला जादू टोटके करने होते है बाद में वो आपके अनुसार ही चलने लगेगा और किसी पर भी अपना अधिकार जमा सकते है |

 

कला जादू के द्वारा किसी को भी अपने प्यार में लाया जा सकता है लेकिन आजकल इसका प्रयोग गलत तरीके के लिए बहुत हो रहा है सो कृपा करके गलत प्रयोग न करे इसके किसी के दिल पर चोट पहुँच सकती है | काला जादू करने का मंत्र बहुत होते है हर प्रकार के काम के लिए अलग अलग मंत्र होते है।

जानकारों का मानना है ये जादू और कुछ नहीं बस एक बंच ऑफ एनर्जी है। जो एक स्थान से दूसरे स्थान तक भेजा जाता है या कहें एक इंसान के द्वारा दूसरे इंसान पर भेजा जाता है। इसे लॉ ऑफ़ कंज़र्वेशन ऑफ़ एनर्जी से समझा जा सकता है।हिंदी में कहा जाए तो ऊर्जा को न ही पैदा किया जा सकता है और न ही इसे खत्म किया जा सकता है।

सिर्फ इसके स्वरूप को दूसरे स्वरूप मे बदला जा सकता है। यदि ऊर्जा का सकारात्मक इस्तेमाल है, तो नकारात्मक इस्तेमाल भी है। सनातन धर्म का अथर्ववेद सिर्फ सकारात्मक और नकारात्मक चीजों के लिए ऊर्जाओं के इस्तेमाल को ही समर्पित है।

 

आपको यह समझना होगा कि ऊर्जा सिर्फ ऊर्जा होती है, वह न तो दैवीय होती है, न शैतानी। आप उससे कुछ भी बना सकते हैं – देवता या शैतान। यह बिजली की तरह होती है। क्या बिजली दैवीय या शैतानी, अच्छी या बुरी होती है? जब वह आपके घर को रोशन करती है, तो वह दिव्य होती है।

अर्जुन ने भी कृष्ण से यही सवाल पूछा था कि आपका यह कहना है कि हर चीज एक ही ऊर्जा से बनी है और हर एक चीज दैवीय है, अगर वही देवत्व दुर्योधन में भी है, तो वह ऐसे काम क्यों कर रहा है? कृष्ण ने जवाब दिया, ‘ईश्वर निर्गुण है, दिव्यता निर्गुण है।

 

उसका अपना कोई गुण नहीं है।’ इसका अर्थ है कि वह बस विशुद्ध ऊर्जा है। आप उससे कुछ भी बना सकते हैं। जो बाघ आपको खाने आता है, उसमें भी वही ऊर्जा है और कोई देवता, जो आकर आपको बचा सकता है, उसमें भी वही ऊर्जा है। बस वे अलग-अलग तरीकों से काम कर रहे हैं।

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