वैसे तो आपने गाँधी परिवार से जुड़े ऐसे न जाने कितने ही खुलासे सुने होंगे लेकिन आज जो खुलासा हम आपको बताने वाले हैं उसे सुनकर आपको भी यकीन नहीं होगा. इस बात से तो सभी परिचित हैं कि बॉलीवुड ने ‘आपातकाल’ के मुद्दे पर एक फिल्म बनायीं है जिसका नाम है “इंदु सरकार”. जहाँ लोग उम्मीद कर रहे थे कि इस फिल्म से लोगों को गाँधी परिवार से जुड़े कई राज़ जानने मिलेंगे वहीँ इस फिल्म से पहले ही खुद को संजय गाँधी की बेटी बताती हुई एक लड़की सामने आई है जो अपना नाम प्रिया पाल सिंह बता रही है. प्रिया की बात में कितना सच है ये तो नहीं कहा जा सकता हाँ लेकिन प्रिया ने कुछ ऐसे दावे किये हैं जिन्हें सुनकर आपको भी गहरा झटका लग सकता है.
ये बात तो जायज़ है कि इस तरह से किसी भी दावो पर यकीन करना किसी के लिए भी आसान नहीं होगा. हालाँकि खुद को संजय की बेटी बताने वाले प्रिया ने अपने दावों को पुख्ता करने के लिए ये तक कह डाला है कि, “अगर लोगों को उनपर भरोसा नहीं है तो वो उनका DNA टेस्ट करवा सकते हैं, जिससे कि दूध-का-दूध, और पानी-का-पानी हो सके, और साथ ही उनको उनकी खोयी हुई पहचान भी मिल जाये.
डीएनए टेस्ट का दावा करने के बाद प्रिया ने एक और ऐसा दांव खेला है जिसके बाद शायद उन्हें झूठा साबित करना नामुमकिन हो जाये. दरअसल अपने दूसरे दावे में प्रिया ने बताया कि, “संजय गाँधी और प्रिया की माँ, जो एक समय में एक दूसरे के प्यार में पड़े थे, उन्होंने मंदिर में शादी की थी. साथ ही प्रिया ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल को इस बात की पूरी जानकारी थी. प्रिया के बयानों को सच माने तो इंद्र कुमार गुजराल प्रिया की माँ और संजय गाँधी के रिश्ते के बारे में सब जानते थे.
अपने बयानों से इनदिनों राजनीति में अच्छी खासी हलचल मचाने वाली प्रिया ने एक प्रेस कांफ्रेस में बताया कि उन्होंने जो दस्तावेज़ इकट्ठे किये हैं उनसे ये तो साबित होता है कि उनके पिता संजय गाँधी हैं लेकिन उनकी माँ की कोई खोज-खबर नहीं है. प्रिया ने बताया कि प्रिया के जन्म के बाद उनकी माँ को मजबूर किया गया कि वो किसी भी हालत में दिल्ली छोड़ दें. उसके बाद प्रिया को पाल दंपति ने गोद लिया और उनको पाला.
संजय गाँधी मेनका से शादी से पहले एक लड़की के साथ प्यार में थे तो ऐसा संभव है कि प्रिया उन्ही की बेटी हों. साथ ही यहाँ ये बात भी गौर करने वाली है कि प्रिया के नाक-नक्श हुबहू संजय गांधी व उनके परिवार से मिलता है जिसे संयोग मान कर टाला नहीं जा सकता है.