हमारा समाज पहले जाति धर्म और उंच नींच के बीच बहुत अधिक फर्क रखता था| ऐसा नही है कि आज के समय में यह पूरी तरह ख़त्म हो गया है पर हा कुछ हद तक ख़त्म जरुर किया गया है| इसे ख़त्म करने में हर तरह के लोगो का सहयोग शामिल है| पर इसी समाज के कुछ लोग इसे बढ़ावा भी देते रहे है| पहले तो बहुत अधिक था पर अब धीरे धीरे समय के अनुसार जाति, धर्म और छुआछूत में गिरावट आई है पर अब 2019 के चुनाव के ठीक पहले दलितों के लिए ऐसा कदम उठाया जा रहा है जिसका सीधा फायदा बीजेपी को मिलता दिखाई दे रहा है|
दरअसल ख़बरों की माने तो आखिर भारतीय अखाड़ा परिषद ने ए एलान किया है कि अब अखाड़ा में दलितों को भी शामिल होने की छूट दी जायेगी| इसके लिए सभी अखाड़ों ने हामी भर दी है जिसके बाद इसका एलान कर दिया गया है| अब दलितों को भी साधू संत बनने का मौका दिया जाएगा| अर्धकुम्ब 2019 के जनवरी-फरवरी मन शुरू होना तय हुआ है और 2019 में ही लोकसभा चुनाव भी होना है जिसमें बीजेपी को फायदा मिलने के आसार नजर आ रहे है| क्योकि नागा साधुओं में दलितों की एंट्री से बीजेपी को दलितों के बीच पैठ बनाने में मदद मिलेगी|
पहले यह था नियम…
इससे पहले दलितों को नागा साधू बनने अथवा उन्हें अखाड़े में शामिल होने की छूट नही थी| फिलहाल अखाड़े में ऊँची जाति के ही नागा साधु संतों को शामिल होने की अनुमति होती थी| जिसमें ब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्य समाज के लोग ही शामिल होते थे| लेकिन 2019 के अर्ध कुम्भ में दलित साधु संतो के पास अखाड़े में शामिल होने की अनुमति दे दी जायेगी| इससे समाज में जाति से जुड़ी तमाम धारणाओं के लिए एक अच्छा सन्देश जाएगा| जहां एक तरफ मंदिरों में दलितों को जाने से रोका जाता है वही दूसरी तरफ इस तरह के कदम से एक अच्छा सन्देश जा रहा है|
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के (ABAP) के अध्यक्ष ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहते है कि 2019 के अर्ध कुम्भ में दलितों को शामिल किया जाएगा| इसके लिए सभी 13 अखाड़ो के मुखिया मान गये है| अगर दलित समाज के लोग नागा साधु संत अखाड़ा में शामिल होकर अगर इनके कठोर जीवन को जीना चाहते है तो इस्मने परेशानी की कोई बात नही है| उन्होंने आगे कहा कि इससे जाति के नाम भेदभाव कम होगा|