इन दिनों बिहार में राजनीति गर्माती जा रही हैं। लगातार नये से नये बयानों और आरोपों के बाद एक और मोड़ देखा गया। अभी तक तो आपस में बयानबाजी ही चल रही थी लेकिन आज तो तब हैरानियत हो गई जब तेजस्वी यादव के इस्तीफे को लेकर मामला काफी आगे निकल गया। और उसका नातीजा एक कार्यक्रम में देखा गया। आयोजित कार्यक्रम में जब तेजस्वी नहीं पहुंचे उसके बाद जो हुआ उससे लोगों को झटका लग गया।
यूं तो पार्टियां गठबंधन में आंच भी नहीं आने के दावे कर रहे है लेकिन जब कार्यक्रम में ऐसा मामला देखा गया जिसके बाद गठबंधन में दरार आते साफ नजर आने लगी हैं। जीं हां..नीतीश कुमार का एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था सभी लोग बैठे थे नीतीश कुमार के ठीक पास ही तेजस्वी की सीट भी थी। लेकिन तेजस्वी कार्यक्रम में नहीं पहुंचे। उनकी गैरमौजूदगी काफी कुछ बोल गई।
करप्शन के मामले में घिरे बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ एक कार्यक्रम में हिस्सा लेना था, जिसके लिए पटना में विश्व युवा कौशल दिवस के मौके पर एक प्रोग्राम आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम के दौरान दोनों नेताओं को एक साथ मंच पर बैठना था। लेकिन कार्यक्रम में तेजस्वी ने नहीं पहुंचकर नीतीश कुमार को धोखा दे दिया। जिसके बाद कार्यक्रम में बने मंच पर उपमुख्यमंत्री की नेम प्लेट को पहले तो ढका गया था, लेकिन बाद में इसे वहां से हटा दिया गया।
तेजस्वी के नहीं आने पर टेबल से उनकी नेम प्लेट को भी हटा दी गई। तेजस्वी की गैरमौजूदगी इसलिए लोगों को खली क्योंकि हाल ही में तेजस्वी कैबिनेट बैठक में आए थे। तो इस कार्यक्रम में क्यों नही शामिल हुए। लोगों के लिए ये सोच का विषय भी बन गया कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि तेजस्वी इस कार्यक्रम में नहीं पहुंच सके। वहीं महागठबंधन में खींचातानी के बीच राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने बैठक की और उसमें एक बार फिर ये बात साफ कर दी कि तेजस्वी के इस्तीफे का सवाल ही नहीं उठता है उसे जनता ने जिताया है।
इस मामले पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चुप्पी थाम ली। और खुलकर कुछ नहीं बोल पाये। इससे पहले आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने मीडिया से बात करते हुए साफ कह दिया कि तेजस्वी इस्तीफा नहीं देंगे. लालू ने कहा कि सीबीआई की एफआईआर तेजस्वी के इस्तीफे का वाजिब कारण नहीं बनता. जहां तक मेरी और मेरे बच्चों की संपत्तियों का सवाल है, तो उसकी सारी जानकारी पब्लिक डोमेन में हैं
वहीं जदयू की तरफ से ये भी कहा गया था कि राजद अपने 80 विधायक होने का घमंड न दिखाए, बल्कि पार्टी के मंत्री तेजस्वी यादव के खिलाफ आरोपों पर तथ्यों के साथ स्पष्टीकरण दें। राजद के ऐसे रूख को देखते हुए केसी त्यागी ने इस मामले को विस्तार देते हुए कहा कि हम 80 विधायकों की बनी बड़ी पार्टी की बात ही नहीं करते। हम तो पूरी सीटों को जोड़ते हैं। उन्होंने पलटवार करते हुए जबाव दिया कि जब जदयू की जबर्दस्त हार हुई थी तो नीतीश कुमार ने नैतिकता से इस्तीफा दे दिया था। क्या देश के किसी मुख्यमंत्री ने ऐसा किया है जो हारे तो कई है लेकिन इस्तीफा दिया हो।
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