मोदी ने कहा, ”आप लोग सालों से भारत से दूर हैं। कभी भारत की ओर देखने का मौका नहीं मिला, लेकिन इन्होंने भारतीयता को बरकरार रखा। अपनी जड़ों के साथ जुड़ने से एक ताकत मिलती है। पेड़ की जड़ें गहरी होती हैं, उसे कोई हिला नहीं पाता। जड़ों से जुड़े रहने की ताकत क्या होती है ये मेरे सूर्यनाम के भाइयों से सीख सकते हैं। आपमें से बहुत से लोग होंगे, जिन्होंने हिंदुस्तान नहीं देखा है। बहुत से ऐसे होंगे जिनके दादा-परदादा हिंदुस्तान छोड़कर आए, उन्हें कुछ पता नहीं। इसके बावजूद उनके दिल में हिंदुस्तान आज भी मौजूद हैं। मोदीजी की ऐसी बातें सुनकर सब ख़ुशी से तालियाँ बजने लगे और मोदीजी के कायल हो गए.
मोदी ने मेलानिया को हिमाचल की कांगड़ा घाटी के कारीगरों के बनाया सिल्वर ब्रेसलेट भी दिया। इसके अलावा चाय और शहद भी गिफ्ट किया। कश्मीर का एक शॉल भी दिया।मोदी ने ट्रम्प को अब्राहम लिंकन के निधन के बाद 1965 में जारी किया गया एक पोस्टल स्टैम्प भी दिया। इसके अलावा मोदी ने पंजाब के होशियारपुर की बनी खास लकड़ी की पेटी भी गिफ्ट की।उधर, ट्रम्प ने मोदी को लिंकन के फेमस गेटिसबर्ग स्पीच की कॉपी और वह डेस्क दिखाई, जिस पर वह लिखा करते थे। बता दें कि गेटिसबर्ग स्पीच में ही लिंकन ने कहा था, “सरकार, जनता का, जनता के लिए और जनता द्वारा शासन है।”