रामनाथ कोविंद-
कोली जाति से ताल्लुकात रखनेवाले रामनाथ कोविंद उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जाति के अंतर्गत आते हैं। उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा में तीसरे प्रयास में पास कर ली थी। रामनाथ कोविंद ने वकालत की उपाधि लेने के बाद दिल्ली हाईकोर्ट में वकालत की शुरूआत की। 1977 से लेकर 1979 तक तक वह दिल्ली हाईकोर्ट में सरकारी वकील रहे। वह दो बार भाजपा से राज्यसभा के सासंद भी रहे। उन्हें साल 2015 के अगस्त महीने में बिहार का रा्ज्यपाल बनाया गया था। कोविंद साल 1991 में भाजपा में शामिल हुए और 1994 में यूपी से राज्यसभा निर्वाचित किए गए। साल 2000 में एक बार फिर से उन्हें राज्यसभा के लिए निर्वाचित किया गया। वह भाजपा का राष्ट्रीय प्रवक्ता भी रहे।
मीरा कुमार-
जबकि, कांग्रेस के प्रमुख चेहरों में से एक मीरा कुमार पूर्व उप प्रधानमंत्री जगजीवन राम की बेटी हैं। मीरा कुमार साल 1973 में भारतीय विदेश सेवा में शामिल हुई। वे कई देशों में नियुक्त रहीं और बेहतर प्रशासक साबित हुईं। मीरा कुमार पहली महिला स्पीकर के तौर पर 3 जून 2009 को निर्विरोध चुनी गई थीं। मीरा कुमार ने राजनीति में प्रवेश 80 के दशक में किया। 1975 में पहली बार वह बिजनौर से संसद में चुनकर आयी। उसके बाद 1990 में वह कांग्रेस पार्टी का कार्यकारिणी समिति की सदस्य और अखिर भारतीय कांग्रेस समिति की महासचिव भी चुनी गी। 1996 में मीरा कुमार दूसरी बार सांसद बनीं और तीसरी बार 1998 और 2004 में बिहार के सासाराम से लोकसभा सीट पर चुनाव जीतकर संसद पहुंची। यूपीए-1 की सरकार में वह मंत्री बनीं और उन्हें सामाजिक न्याय मंत्रालय का जिम्मा दिया गया। जीएमएसी बालयोगी के बाद वे दूसरी दलित नेता है जो स्पीकर के पद तक पहुंचीं।