देश की सबसे बड़ी पैरामिलिटरी फोर्स CRPF ऐसी तकनीक की खोज में जुटी है जिससे माओवादियों या आतंकवादियों द्वारा लूटे गए हथियारों को ट्रैक किया जा सके। यह तकनीक सुरक्षाबलों के लिए गेम चेंजर साबित हो सकती है।
सुरक्षाबल आतंकवाद विरोधी और नक्सल विरोधी ऑपरेशन्स में एके राइफल्स, एसएलआर जैसी ऑटोमैटिक और सेमी-ऑटोमैटिक राइफल्स/बंदूक का इस्तेमाल करते हैं। हैरानी की बात ही है कि नक्सली और आतंकी कैंपों पर हमला करने या फिर घात लगाकर हमला करने के लिए भी इन्हीं तरह के हथियारों का इस्तेमाल करते हैं। अब सेना कुछ ऐसा करेगी की कोई भी हतियारों की चोरी न कर सके|
आगे देखिये गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने हथियारों को ट्रैक करने का आइडिया दिया था।
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