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चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे और ‘वन रूट वन बेल्ट’ को लेकर जिस तरह की चिंता चीन को लेकर जताई जा रही थी वह अब सच होती दिखाई देने लगी है। इस बात की आशंका पहले से ही जताई जा रही थी कि सीपैक और ओआरओबी के पीछे चीन की निगाहें बलूचिस्तान की खनिज संपदा पर लगी हैं।
अब यही सच सभी के सामने आ भी गया है। इसका जिक्र पाकिस्तान के एक अंग्रेजी अखबार डॉन में किया गया है। कुछ दिन पहले छपी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि आर्थिक गलियारे बन जाने के बाद चीन की कंपनियों के सहयोग से बलूचिस्तान के खजिनों को निकालने में मदद मिलेगी। रिपोर्ट में यह भी कहा है कि चीन की कंपनियां बलूचिस्तान में इस काम को बड़े पैमाने पर करेंगी।
आगे पढ़िए बलूचिस्तान में कॉपर और सोने का अपार भंडार होने के बाद भी उसे सिर्फ 2% फायदा ही मिलता है क्यों
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