सोशल मीडिया और अन्य वेबसाइट्स पर वायरल कंटेंट कहता है कि जापान में इस्लाम के प्रचार-प्रसार पर पाबंदी है और वहां मुसलमानों को स्थायी रूप से रहने नहीं दिया जाता। यह पूरी तरह से गलत है। हालांकि यह सच है कि दुनियाभर की आतंकी घटनाओं के आधार जापान में भी मुस्लिमों को शक की नजर से देखा जाता है और उनकी तथा मस्जिदों की जासूसी की जाती है।.
चूंकि जापान में नागरिकों के धर्म का रिकॉर्ड नहीं रखा जाता, इसलिए वहां मुस्लिमों की सटीक संख्या बता पाना मुश्किल है। इस बारे में सारे अनुमान 70 हजार से 1 लाख के बीच हैं। जापान के मुस्लिमों में 90 प्रतिशत बाहरी लोग हैं। मूल जापानी मुस्लिम सिर्फ 10 प्रतिशत हैं। इसमें भी बड़ी संख्या उन जापानी महिलाआें की है, जिन्होंने विदशी मुस्लिमों से शादी के बाद इस्लाम स्वीकार किया है।जापान में रह रहे मुस्लिमों में सबसे बड़ी संख्या इंडोनेशियाई नागरिकों की है। करीब 36 हजार इंडोनेशियाई मुस्लिम वहां रहते हैं। इसके बाद बांग्लादेशी और पाकिस्तानी मुसलमान हैं। यहाँ पुलिस हर वक़्त इन्हें शक की नज़र से ही देखती हैं|
आगे देखिये किस तरह की LIFE जीते हैं जापान में मुसलमान…
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