भारत ने रूस को चेतावनी दी है कि अगर वह न्यूक्लियर सप्लायर ग्रुप(एनएसजी) का पूर्ण सदस्य बनने में असमर्थ होता है तो रूस को परमाणु ऊर्जा विकास के अपने कार्यक्रम में विदेशी साझेदारों को सहयोग देना बंद करना होगा।भारत ने कहा ऐसा नहीं करने पर वह कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा परियोजना की 5वीं और 6वीं रिऐक्टर यूनिट्स के विकास से जुड़े समझौते पर अपने हाथ पीछे खींच सकता है।.
भारत को लग रहा है कि रूस उसको एनएसजी में सदस्यता दिलाने के लिए कोई भी कोशिश नहीं कर रहा है. इस मामले में रूस की ओर से लापरवाही भरा रुख अपनाया जा रहा है. वहीं रूस की ओर से भी इस बात की आशंका जताई जा रही है कि भारत अब इस मुद्दे को लेकर दबाव डाल रहा है और यही वजह है कि परमाणु रिएक्टर से संबंधित समझौतों में देरी कर रहा है. लेकिन मोदी ने इस पर उन्हें कोई आश्वासन नहीं दिया।
आगे देखिये रूसी प्रधानमंत्री की PM मोदी के साथ ये मुलाकात…