सर्वे में 17 प्रतिशत लोगों ने कहा कि सरकार ने उम्मीद से बेहतर काम किया है. 44 प्रतिशत लोगों ने कहा कि सरकार ने उम्मीद के मुताबिक काम किया है, जबकि 39 प्रतिशत लोगों ने कहा कि सरकार ने उम्मीद से कम काम किया है.तो 68 प्रतिशत लोगों ने कहा कि सरकार सफल हुई है, जबकि 36 प्रतिशत लोगों ने कहा कि सरकार सफल नहीं हुई है. जब लोगों से यह पूछा गया कि क्या सांप्रदायिकता से जुड़े मुद्दे को कंट्रोल करने में सरकार सफल हुई है तो 61 प्रतिशत लोगों ने ‘हां’ में जबाब दिया, जबकि 31 फीसदी ने ‘न’ में जबाब दिया.
8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी का ऐलान किया था. नोटबंदी के तहत 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों पर प्रतिबंध लगाया दिया गया था. लोकल सर्किल्स की तरफ से लोगों से यह भी पूछा गया कि क्या नोटबंदी के जरिए सरकार कालेधन पर शिकंजा कसने में सफल हुई है, तो 51 प्रतिशत लोगों ने कहा कि सरकार शिकंजा कसने में कामयाब हुई है, जबकि 37 प्रतिशत लोगों ने ‘न’ में जवाब दिया. जब लोगों से यह सवाल पूछा गया क्या नोटबंदी के बाद भ्रष्टाचार कम हुआ है तो 47 प्रतिशत लोगों ने कहा कि नोटबंदी की वजह से भ्रष्टाचार में कमी नहीं आई है, जबकि 37 प्रतिशत लोगों ने कहा की भ्रष्टाचार में कमी आई है.