जिस तरह से चाइना और अमरीका में तनाव चल रहा है उस से सब से ज्यादा मुश्किल होने वाली है चाइना को ,, जानिये क्यों

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 इस तनाव के बीच अमेरिका समेत सभी देशों को एक देश से ढेर सारी उम्‍मीदें लगी हुई हैं। इस देश का नाम है-चीन। ऐसा इसलिए भी है क्‍योंकि चीन उत्‍तर कोरिया को खुलेआम अपना दोस्‍त बताता रहा है। उत्‍तर कोरिया के साथ चीन के 50 के दशक से ही व्‍यापारिक और राजनयिक संबंध हैं। इसके अलावा हाल के कुछ वर्षों में दोनों देशों के बीच व्‍यापार भी काफी बढ़ा है। यही वजह है कि चीन को लेकर अमेरिका भी शायद कुछ हद तक आश्‍वस्‍त है कि वह उत्‍तर कोरिया को बातचीत की मेज तक लाने में सफल हो पाएगा। बातचीत के संकेत अमेरिका की ओर से मिले हैं। लेकिन ताजा मिसाइल परीक्षण की वजह से फिर संशय के बाद मंडरा रहे हैं।


सोमवार को इस बाबत कुछ और सकारात्‍मक संकेत उस वक्‍त मिले थे जब अमेरिका ने बातचीत के लिए कुछ शतों को तय करने की बात कही थी। इसके बाद उत्‍तर कोरिया ने भी कहा था कि यदि शर्त तय होती हैं तो वह भी वार्ता के लिए अपने नेता को भेजने के लिए तैयार है। जाहिर सी बात है कि यहां पर चीन की भूमिका काफी अहम हो जाती है। ऐसा इसलिए भी है क्‍योंकि यदि युद्ध होता है तो उत्‍तर कोरिया की आग में चीन भी झुलस सकता है। इसका सीधा प्रभाव चीन पर भी देखने को मिलेगा। ऐसा इसलिए भी है कि चीन और उत्‍तर कोरिया की करीब 1500 किमी की सीमा एक दूसरे से मिलती है। यही वजह है कि चीन के लिए यह बेहद जरूरी है कि वह युद्ध की आशंकाओं को दरकिनार कर हर हाल में इसका हल निकाले और उत्‍तर कोरिया को बातचीत की मेज तक लेकर आए।

आगे जानिये क्या कहा चाइना ने जब पूछा गया किस का साथ देगा यौध में ..

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