पेइचिंग में 14 और 15 मई को होने वाली ‘वन बेल्ट वन रोड’ (OBOR) फोरम में अब अमेरिका भी शामिल होगा। अमेरिका ने अचानक यूटर्न लेते हुए चीन के ‘वन बेल्ट, वन रोड’ फोरम में शामिल होने का फैसला किया है। अमेरिका का यह कदम भारत पर काफी दबाव डालने वाला है क्योंकि अभी तक भारत ने चीन के ‘वन बेल्ट, वन रोड’ समिट में अपना प्रतिनिधि भेजने पर कोई निर्णय नहीं लिया है। भारत मानता है कि चीन ने अपनी इस परियोजना के लिए भरोसे का माहौल पैदा नहीं किया और इसका सबसे बड़ा उदाहरण है चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC)।
चीन CPEC के जरिए शिनजियांग को ग्वादर बंदरगाह से जोड़ने की फिराक में है जिसे उसने बलूचिस्तान में बनाया है। भारत की संप्रभुता की उपेक्षा करते हुए चीन इसे गिलगित-बाल्टिस्तान इलाके से गुजार रहा है जिस पर भारत अपना दावा पेश करता है।