केंद्र ने इस पूरे इलाके में कोबरा बटालियन के दो हजार जांबाजों को तैनात करने का फैसला लिया है। कोबरा कमांडो के लिए न तो यह जगह नई है और न ही नक्सलियों द्वारा किया जाने वाला गौरिल्ला युद्ध। कोबरा कमांडो भारत की उन आठ स्पेशलाइज फोर्सेज का हिस्सा हैं जिन्हें हर तरह के हालात में दुश्मन से लड़ने की पूरी ट्रेनिंग दी जाती है।कोबरा कमांडो भारत की उन्ा आठ स्पेशलाइज फोर्सेज का हिस्सा हैं जिन्हें हर तरह के हालात में दुश्मन से लड़ने की पूरी ट्रेनिंग दी जाती है। यह न सिर्फ हाईटैक वेपंस सिस्टम से लैस होंगे बल्कि इनके पास अपने ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए सभी तरह अत्याधुनिक तकनीक भी होगी। लिहाजा अब नक्सलियों की खैर नहीं,
अधिकारी ने कहा, ‘केवल गुप्तचर सूचना पर कोबरा का अभियान टिका होता है। अत्यंत प्रशिक्षित कमांडो की टीम तैयार की गई है। ये कमांडो दुश्मन को निष्प्रभावी कर देते हैं और उनके ठिकाने ध्वस्त करते हैं। कमांडो नक्सलियों के टसीओसी को बड़ा झटका देने में सक्षम होते हैं।’ हर वर्ष गर्मियों में नक्सली सुरक्षा बल के जवानों की जान लेने के लिए टैक्टिकल काउंटर अफेंसिव कैंपेन चलाते हैं।