लोकसभा में नेता विपक्ष न होने के कारण अटके लोकपाल चयन मामले को सुप्रीमकोर्ट की हरी झंडी मिल गयी है। सरकार नेता विपक्ष के बगैर भी लोकपाल का चयन कर सकती है। साल 2013 का लोकपाल और लोकायुक्त कानून व्यवहारिक है और इसका क्रियान्वयन लटकाकर रखना न्यायसंगत नहीं है|
कोर्ट ने कहा कि नेता विपक्ष के बगैर भी चयन समिति के अन्य सदस्य (संक्षिप्त चयन समिति) न सिर्फ नियुक्ति के नामों का पैनल तैयार करने के लिए सर्च कमेटी गठित कर सकते है वह राष्ट्रपति से लोकपाल के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्त की सिफारिश भी कर सकते हैं। यहाँ तक की अपनी मर्ज़ी से चुनाव कर सकते हैं|
क्या नेता विपक्ष के बगैर भी हो सकता है लोकपाल का चयन???
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