पिछले कुछ दिन सिनेमाघर वालों के लिए बेहद कठिन रहे हैं। एक के बाद एक-एक कर फिल्में आती गईं और बुरी तरह फ्लॉप होती गई। नाम शबाना, बेगम जान, फिल्लौरी, नूर जैसी फिल्मों से थोड़ी उम्मीद थी कि नायिका प्रधान..फिल्में भी दर्शक देखना पसंद करते हैं, लेकिन ये सब फिल्में बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह धराशायी हो गईं। कलेक्शन इतने कम रहे कि खर्चे भी नहीं निकल पाए, जिस तरह की फिमे आ रही हैं उन्हें देखकर तो यह लग रहा है की अच्छी फिमे जैसे बनना ही बंद हो हैं|
मल्टीप्लेक्स वालों को तो थोड़े बहुत दर्शक मिल जाते..कुछ हॉलीवुड फिल्मों का सहारा मिल जाता है, लेकिन सिंगल स्क्रीन सिनेमाघर वालों के लिए यह समय बहुत बुरा रहा है। छोटे शहर के सिनेमाघरों में तो यह फिल्में महज दो-तीन दिन ही चली। इसके बाद उन्हें पुरानी और डब फिल्मों का सहारा लेना पड़ा। अब इन फिल्मों को देखने भी कोई नहीं आता। ना जाने कितने ही जतन कियें फिल्म निर्देशकों ने लोगों को आकर्षित करने के लिए पर विफल रहे|
जानिये आखिर कटप्पा ने क्यों मारा बाहुबली को