क्या एक स्त्री को अपने मन से कुछ भी करने का हक़ नहीं है? वह हमेशा पुरुषों की कही गयी बातों को मानने के लिए ही बनी है, और भारतीय समाज में औरत को देवी का दर्जा दिया गया है लेकिन इसी देवी का सदियों से अपमान किया जाता रहा है। कहने के लिए तो औरत देवी होती है
तो कही उसे चप्पलों से पिटा जाता है। औरत को बंद कमरे से लेकर सार्वजनिक जगहों पर जुल्म का सामना करना पड़ता है। पुरुष समाज, चाहे वह कही का भी हो उसके लिए औरत देवी और विच दोनों साथ- साथ रहती है। हालांकि पिछले कुछ सालों में पक्षिमी देशों की हालत में सुधार हुआ है लेकिन पूरी तरह से वहाँ पर भी यह ख़त्म नहीं हुआ है।