विधान परिषद की दो सीटों के लिए सोमवार को हुए मतदान में भाजपा व पीडीपी के उम्मीदवार को 29-29 वोट मिले। इसके बाद लाटरी निकालकर फैसला हुआ और सीट भाजपा की झोली में आई। दूसरी सीट कांग्रेस ने जीती और सत्ताधारी पीडीपी को हार का सामना करना पड़ा। दो सीटों का फैसला होने के बाद भाजपा ने छह सीटों में से तीन पर जीत दर्ज कर इतिहास रच दिया है।
पीडीपी, कांग्रेस व नेशनल कांफ्रेंस को एक-एक सीट से ही संतोष करना पड़ा।
चार सीटों का फैसला निर्विरोध हो गया था। अब अपने तीन एमएलसी बनाने के साथ ही भाजपा 11 सदस्यों के साथ विधान परिषद में सबसे बड़ी पार्टी बन गई। पीडीपी के 10 एमएलसी हैं। नए सदस्यों का कार्यकाल छह साल का होगा। दो सीटों के लिए शाम चार बजे तक चली वोटिंग में कांग्रेस ने अपने 12, नेशनल कांफ्रेंस के 15 व पीडीएफ के हकीम यासीन, माकपा के मुहम्मद यूसुफ तारीगामी, निर्दलीय इंजीनियर रशीद व पवन गुप्ता के वोट लेकर पहली सीट सीधे 31 वोटों से जीत ली।
आगे जानिए जब बीजेपी की मिली सीट्स तो अलगाववादियों की क्या है कंडीशन