जो पिछले शनिवार को सीरिया में आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन में शहीद हुआ था। बता दें, 10000 किलो वजनी इस बम में 8164 किलो विस्फोटक भरा था। इस विस्फोट का असर करीब डेढ़ किलोमीटर दायरे में हुआ। यह दुनिया का पहला जीपीएस निर्देशित बम है। इसका आधिकारिक नाम GBU-43/B है। अमेरिका ने 2003 में इसे तैयार किया था, लेकिन पहली बार अभी इस्तेमाल किया है। 2003 में फ्लोरिडा के एगलिन एयरबेस में मदर ऑफ ऑल बम का पहला परीक्षण किया गया था।
अमेरिका के पूर्व डिफेंस सेक्रेटरी डोनाल्ड रूम्सफील्ड के मुताबिक, ये बम सायकोलॉजिकल ऑपरेशंस के तौर पर डेवलप किया था। इसका मुख्य मकसद सद्दाम हुसैन को डराना था। इसके टेस्ट का वीडियो सिर्फ इसलिए जारी किया गया था ताकि इराक के लोग डर जाएं। लेकिन, फिर सरकार से इजाजत नहीं मिली। अमेरिकी प्रवक्ता ने बताया कि हमले के दौरान आम नागरिकों को बचाने के लिए पूरी सावधानी बरती गई है।
आखिर क्यों अमेरिका ने बनाया पाकिस्तान को अपना निशाना