पाकिस्तान के एक समाचार पत्र ने चेतावनी देते हुए कहा कि कथित भारतीय जासूस कुलभूषण जाधव को मौत की सजा देने का पाकिस्तान का फैसला एक नए तथा दोनों देशों द्वारा एक दूसरे के खिलाफ प्रच्छन्न कार्रवाइयों का पूरी तरह से अस्थिर दौर शुरू कर सकता है
एक अन्य समाचार पत्र ने आश्चर्य जताते हुए पूछा है कि कहीं पाकिस्तानी सेना ने जासूसी तथा पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध छेड़ने के आरोपी कुलभूषण जाधव को फांसी की सजा देने में जल्दी तो नहीं की है.’डॉन’ ने एक संपादकीय में कहा कि भारत तथा पाकिस्तान के बीच जासूसों को लेकर आरोप-प्रत्यारोप सामने आते रहते हैं. संपादकीय के मुताबिक, “लेकिन, जाधव का मामला नियमित कार्रवाई से काफी अलग है और यह एक देश का दूसरे देश की सुरक्षा तथा खुफिया प्रणाली के खिलाफ पूरी तरह से अस्थिर गुप्त कार्रवाइयों का दौर शुरू कर सकता है.”
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