राजीव गांधी के हत्यारों को सबसे पहले जिसने पहचाना वह थी तमिलनाडु पुलिस की दरोगा अनसुईया| वह श्री पेरम्बदूर की सुरक्षा टीम में मौजूद थी| उसका काम था सामने के डी एरिया की सुरक्षा का| वहां पर वीआईपी पास लिए कुछ लोग मौजूद थे उनमें एक लड़की भी थी जो सलवार सूट पहने ढीले ढाले ढंग का बड़ा सा चश्मा लगाए हाथों में चन्दन की माला लिए थी| अनसुईया को उसका रंग-ढंग कुछ अजीब लगा और उन्होंने राजीव गांधी के आने से ठीक पहले उस लड़की को पीछे धकेल दिया|
राजीव आये, एम्बेसडर से उतरे और रैली स्थल की और बढ़ने लगे| मंच पर उनके जिंदाबाद के नारे लग रहे थे| मंच पर जयंती नटराजन और कई तमिलनाडु के वरिष्ठ नेता मोजूद थे और उसी दौरान ये लड़की फिर से आगे बढ़ी| अनसुईया ने उसका हाथ पकड़ कर उसे पीछे जाने को कहा लेकिन तभी राजीव की आवाज सुनाई पड़ी| राजीव बोले प्लीज इस लड़की और आने दीजिये|इसके बाद दरोगा अनसुईया की पकड़ ढीली हो गई और वो लड़की आगे बढ़ गई और कुछ ही मिनट बाद वहां सन्नाटा छा गया क्योंकि यह लड़की मानव बम धनु थी जिसने पहले तो राजीव गांधी को चन्दन की माला पहनाई और फिर पैर छूने के लिए झुकी और जैसे ही राजीव उसको झुककर ऊपर उठाने लगे ब्लास्ट हो गया|