मगर ये तीसरी लड़की अकिराय जिसका नाम सोनिया था जो दिल्ली के मोतीबाग इलाके में थी। कहा जाता है कि तमिलनाडु के नेता वाईको की सिफारिश पर मोतीबाग का यह मकान लिट्टे के दस्ते को उपलब्ध कराया गया था| अकिराय यानी सोनिया यहाँ पर अपने बॉस पोट्टू अमन के सिग्नल का इन्तजार कर रही थी| पोट्टू अमन जो लिट्टे के कमांडर प्रभाकरण का दिमाग कहा जाता था| पोट्टू अमन का ये प्लान था की श्री पेरम्बदूर में शुभा और धनु सफल नहीं हो पाती है तो दिल्ली में अकिराय यानि सोनिया राजीव गाँधी पर हमला करेंगी लेकिन ओपरेशन वेडिंग सफल रहा और अकिराय को निर्देश मिला दिल्ली छोड़ने का|
वो दिल्ली छोड़ने की तैयारी कर रही थी तभी आई.बी की एजेंसियों ने उसे दिल्ली के पास पुरानी दिल्ली के इलाके में एक होटल से गिरफ्तार कर लिया| पुलिस को लगा कि उन्होंने धनु की सहयोगी शुभा को गिरफ्तार किया है लेकिन यह सच नहीं था और पहचान बाद में सामने आई| हालांकि कुछ ही हफ्तों के बाद वैलूर के एक इलाके से शुभा भी मिल गई| लेकिन जिन्दा नहीं मुर्दा, क्योंकि पुलिस के पहुँचने से पहले ही उसने अपने साथियों के साथ सायनाईड चाट लिया था|