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राजीव गांधी को प्रभाकरण पर भरोसा था और उन्होंने जाते- जाते प्रभाकरण को तौहफा देने का फैसला किया था| अन्दर से राजीव गांधी की पर्सनल बुलट प्रूफ जैकिट मंगाई गई और इसको प्रभाकरण के कंधे पर राजीव के 17 साल के बेटे राहुल गांधी ने रखा| राजीव ने मुस्कुराते हुए कहा प्रभाकरण अपना ख्याल रखना|
ठीक 4 साल बाद 21 मई 1991 के दिन लिट्टे के एक हमलावर दस्ते ने राजीव गांधी की हत्या कर दी| 12 मई 1991 को मद्रास से 40 किलो मीटर दूर तिरवलूर में एक चुनावी रैली थी| जिसे संबोधित करने पहुंचे राजीव गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री बीपी सिंह और साथ में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री करुणानिधि भी थे| यहाँ पर एक लड़की ने बीपी सिंह के हाई सिक्योरिटी एरिया में पैर छुए| ये एक आम बात थी समर्थक अपने बड़े नेताओं के पैर छूते हैं|
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