शेलिना का ख्याल है कि मुस्लिम महिलाएं ब्रैंड्स को लेकर ज्यादा फ़िक्रमंद रहती हैं, उनकी पसंद में एक तरह की स्टैबिलिटी है. इसलिए जो भी ब्रैंड्स उनकी पसंद का ख्याल रखेंगे, उन्हें वफादार कन्ज्यूमर बेस मिलेगा.लेकिन मुस्लिम महिलाएं क्या सोचती हैं? एक मुस्लिम महिला ने कहा, “ये अच्छी बात है. पहली बार मुसलमान औरतों की पसंद का ख़्याल रखा जा रहा है. हम इसमें ब्रैंड वैल्यू देखते हैं और मेरे ख़्याल से लोगों को ब्रैंड से जुड़ने दीजिए. इससे ब्रैंड की इज्जत बढ़ती है.”
इसी सवाल पर एक और मुस्लिम महिला कहती हैं, “आपको लगता है कि आप समाज का हिस्सा हैं. अगर ऐसा होता है तो ब्रैंड्स एक बड़े बाज़ार में उतरने जा रहे हैं. ये एक ऐसा बाज़ार है जिसका इस्तेमाल नहीं किया गया है.”
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