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पार्टी ने इससे गैर जाटव वोटों में अच्छी खासी पैठ बनाई है और इससे पार्टी ने सीधे मायावती के वोट बैंक को अपनी ओर खींचने में कामयाबी हासिल की है. पार्टी नेताओं का मानना है कि यदि किसी जाटव जाति के नेता को अध्यक्ष पद दिया जाता है
तो मायावती को सीधे काफी नुकसान पहुंचेगा.एक नाम इस रेस में सबसे आगे चल रहा है कि वह है राम शंकर कठेरिया का. मोदी मंत्रिमंडल में राम शंकर कठेरिया मंत्री रहे हैं. फर्जी डिग्री विवाद के बाद इनके नाम पर असर पड़ा है फिर मंत्रिमंडल फेरबदल में इन्हें बाहर कर दिया गया था. कठेरिया आगरा से हैं और जाटव समाज से हैं
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