पत्थर मारना तो दूर सिर्फ हाथ में देखते ही होगी ये कार्यवाही के पुरखे भी पत्थर को हाथ लगाने से डरेंगे

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कमांडो को स्पेशल ट्रेनिंग
ऐसा पहली बार हुआ है जब इन स्पेशल कमांडो को कश्मीर के आतंकियों से लोहा लेने के लिए अलग तरीके की ट्रेनिंग दी गई है. हवा, जमीन और पानी से आतंकियों पर प्रहार करने के लिए स्पेशल कमांडो की ट्रेनिंग देखकर आप भी दांतों तले उंगली दबा लेंगे. यदि कश्मीर के दहशतगर्द भी इसे देख रहे होंगे तो उन्हें भी अमन की राह छोड़ हथियार उठाने के फैसले पर पछतावा हो रहा होगा. कश्मीर की धरती के मुश्किल हालात को देखते हुए सीआरपीएफ के कमांडो को क्रॉल ट्रेंच ट्रेनिंग दी जा रही है. शरीर के ऊपर कटीली तार लेकिन हौसले धारदार.

मॉर्डन हथियारों से लैस
बताते चलें कि जम्मू कश्मीर के आतंकियों को नेस्तनाबूद करने के लिए X-95 गन, AK-47, CGRL रॉकेट लॉन्चर, ऑटोमैटिक ग्रेनेड लांचर, UBGL ग्रेनेड लांचर, स्पेशल 51 मोर्टार, इंसास राइफल, एमपी-5 पिस्तौल के इस्तेमाल में CRPF के इन खास कमांडो को पारंगत बनाया गया है. इनको रोजाना 40 किलोमीटर पैदल चलने, 16 किलोमीटर दौड़ने, 18 मिनट में 26 बाधाएं पार करने, जंगल में 5 से 6 दिन बिना खाये पीए सिर्फ जंगली सामान का इस्तेमाल कर जिंदा रहने का माद्दा बनाया गया है. ट्रेनिंग की फेहरिस्त में हाई वॉल ट्रेनिंग भी शामिल है.

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