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यूट्यूब पर जारी किए गए वीडियो में दिखता है कि लोग बैठने के बाद उछल कर खड़े हो जाते हैं. पिछले दस दिनों में इसे सात लाख बार देखा गया है. कुछ लोगों ने इस आइडिया की तारीफ़ की है जबकि अन्य लोगों ने इसे ‘लैंगिक भेदभाव’ बताया है.’जेंडेज़’, मेक्सिको की एक संस्था है जो यौन उत्पीड़न के ख़िलाफ़ जागरूकता और बराबरी बढ़ाने के लिए पुरुषों के साथ मिलकर काम करती है.
उनके रिसर्च प्रोग्राम का नेतृत्व करने वाले रेने लोपेज़ पेरेज़ ने इस अभियान की तारीफ़ की है. लेकिन उन्होंने एहतियात बरतने की भी सलाह दी है, “यह बहुत अहम है कि सभी पुरुषों को महिलाओं के ख़िलाफ़ संभावित हमलावर के रूप में चित्रित न किया जाए.” अमरीकी वेबसाइट ‘स्टॉप स्ट्रीट हरासमेंट’ की संस्थापक हॉली कीर्ल का कहना है कि आम तौर पर किसी बदलाव का सारा भार महिलाओं पर ही थोप दिया जाता है.
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