हिंदू धर्म में प्रत्येक देवी-देवता को प्रसन्न करने के लिए उनकी पूजा विधि और पूजा सामग्रियां अलग-अलग तरह की होती हैं. हिंदू धर्म में कोई भी पूजा पाठ या शुभ काम बिना गणेश भगवान (Lord Ganesha) की पूजा कर या आरती उतारे शुरू नहीं की जाती. गणपति जी को प्रथम पूज्य देवता की उपाधि प्राप्त है. इसलिए हर शुभ कार्य में सबसे पहले उन्हें याद किया जाता है।
दूर्वा चढ़ाने के नियम
भगवान गणेश की पूजा-आराधना में दूर्वा चढ़ाने से सभी तरह के सुख और संपदा में वृद्धि होती है. पूजा में दूर्वा का जोड़ा बनाकर भगवान को चढ़ाया जाता है. मान्यता है कि दूर्वा घास के 11 जोड़ों को भगवान गणेश को चढ़ाना चाहिए. दूर्वा को चढ़ाने के लिए किसी साफ जगह से ही दूर्वा घास को तोड़ना चाहिए. गंदी जगहों से कभी भी दूर्वा घास को नहीं तोड़ना चाहिए. दूर्वा चढ़ाते समय गणेशजी के 11 मंत्रों का जाप जरूर करें।
दूर्वा चढ़ाने के नियम
भगवान गणेश की पूजा-आराधना में दूर्वा चढ़ाने से सभी तरह के सुख और संपदा में वृद्धि होती है. पूजा में दूर्वा का जोड़ा बनाकर भगवान को चढ़ाया जाता है. मान्यता है कि दूर्वा घास के 11 जोड़ों को भगवान गणेश को चढ़ाना चाहिए. दूर्वा को चढ़ाने के लिए किसी साफ जगह से ही दूर्वा घास को तोड़ना चाहिए. गंदी जगहों से कभी भी दूर्वा घास को नहीं तोड़ना चाहिए. दूर्वा चढ़ाते समय गणेशजी के 11 मंत्रों का जाप जरूर करें.
गणेश मंत्र
ऊँ गं गणपतेय नम:
ऊँ गणाधिपाय नमः
ऊँ उमापुत्राय नमः
ऊँ विघ्ननाशनाय नमः
ऊँ विनायकाय नमः
ऊँ ईशपुत्राय नमः
ऊँ सर्वसिद्धिप्रदाय नमः
ऊँएकदन्ताय नमः
ऊँ इभवक्त्राय नमः
ऊँ मूषकवाहनाय नमः
ऊँ कुमारगुरवे नमः
जरूर करें ये उपाय।
भगवान गणेश को घी और गुड़ का भोग लगाना चाहिए. भोग लगाने के बाद घी-गुड़ गाय को खिला देनी चीहिए. ऐसा करने से घर में धन व खुशहाली आती है. अगर घर में नकारात्मक शक्तियों का वास है, तो घर के मंदिर में सफेद रंग के गणपति की स्थापना जरूर करनी चाहिए. मान्यता है कि इससे सभी प्रकार की बुरी शक्तियों का नाश होता है