नई दि’ल्लीः 1 अ’क्टूबर से आपकी स्वा’स्थ्य बीमा पॉ’लिसी (Health Insurance Policy) के निय’मों में का’फी बड़ा ब’दलाव होने जा रहा है. बी’मा नि’यामक प्राधि’कर इरडा (IRDAI) ने इन नि’यमों में बदलाव किया, जिससे लो’गों को फाय’दा होगा. इसके अलावा कं’पनियां अपनी मन’मर्जी से क्ले’म को रि’जेक्ट नहीं कर पा’एंगी.
यह हों’गे अहम बद’लाव
- 8 साल तक लगा’तार पॉ’लिसी चलाने पर क्ले’म रि’जेक्ट नहीं होगा.
- ज्या’दा बी’मारियों के इलाज के लिए क्ले’म मिलेगा.
- बी’मा प्रीमि’यम की द’रों में इजाफा हो जाएगा.
- भी कंपनि’यों में कवर के बाहर वाली स्था’ई बीमा’रियां समान हों’गी.
- कवर के बाहर वाली स्था’ई बीमा’रियों की सं’ख्या घ’टकर 17 रह जा’एगी.
- अभी किसी पॉ’लिसी में ए’क्सक्लूजन 10 हैं तो 17 होने पर प्रीमि’यम घटे’गा.
- अगर अभी पॉ’लिसी में 30 ए’क्सक्लूजन हैं तो 17 होने पर प्री’मियम ब’ढ़ेगा.
- नए प्रो’डक्ट्स में 5 से 20 प’रसेंट तक प्री’मियम बढ़ने की सं’भावना.
- मा’नसिक, जेने’टिक बीमारी, न्यू’रो सं’बंधी विकार जैसी गं’भीर बी’मारियों का कव’र मिलेगा.
- न्यू’रो डि’सऑर्डर, ऑ’रल के’मोथेरेपी, रो’बोटिक स’र्ज़री, स्टे’म सेल थे’रेपी का भी क’वर शामिल.
इनका भी मिलेगा क्ले’म
- फा’र्मेसी, इंप्लां’ट और डा’यग्नोस्टिक ए’सोसिएट मे’डिकल ख’र्च में शामिल नहीं होंगे.
- फार्मे’सी, इंप्लां’ट और डा’यग्नोस्टिक से जुड़ा पूरा ख’र्च क्ले’म में मिलेगा.
- एसो’सिएट मेडिक’ल ख’र्च बढ़ने से क्ले’म रा’शि में क’टौती होती है.
- तय सीमा से ज्या’दा रुम पै’केज में एसो’सिएट मे’डिकल ख’र्च पर क्ले’म क’टौती होती है.
- क्ले’म में ICU चा’र्जेस के भी अनु’पात में कटौ’ती नहीं होगी.
4 साल पहले हुई बी’मारी भी प्री ए’ग्जिस्टिंग में शामिल
- 48 म’हीने पहले डॉ’क्टर की बताई गई कोई भी बी’मारी को पॉ’लिसी के तहत प्री-ए’ग्जिस्टिंग.
- पॉ’लिसी जारी होने के तीन महीने के भीतर लक्षण पर प्री-एग्जि’स्टिंग बीमारी माना जाएगा.
- 8 साल तक प्री’मियम के बाद क्ले’म रिजे’क्ट नहीं होगा
- 8 साल पूरे होने के बाद पॉ’लिसी को लेकर कोई पुन’र्विचार लागू नहीं होगा.
- 8 साल तक री’न्युअल तो गलत जान’कारी का ब’हाना नहीं चलेगा.
अलग-अलग कं’पनी की पॉ’लिसी से भर स’केंगे क्लेम
- एक से ज्या’दा कंप’नी की पॉ’लिसी होने पर ग्रा’हक के पास क्ले’म चुनने का अधि’कार.
- एक पॉ’लिसी की सीमा के बाद बाकी का क्ले’म दूसरी कं’पनी से मु’मकिन.
- डि’डक्शन हुए क्ले’म को भी दूसरी कंप’नी से लेने का अधि’कार.
- 30 दिन में क्ले’म स्वी’कार या रि’जेक्ट ज’रूरी.
- एक कं’पनी के प्रो’डक्ट में मा’इग्रेशन तो पुराना वे’टिंग पी’रियड जुड़े’गा.
- टे’लीमेडिसिन का ख’र्च भी क्ले’म का हि’स्सा
- ट्रिट’मेंट के पहले और बाद टे’लीमेडिसिन का इ’स्तेमाल
- OPD क’वरेज वाली पॉ’लिसी में टेली’मेडिसिन का पूरा ख’र्च मिलेगा
- डॉ’क्टरों को टे’लीमेडिसिन के इ’स्तेमाल की सलाह
- कं’पनियों को मं’जूरी नहीं लेनी, सा’लाना सीमा का निय’म ला’गू होगा