म’हारा’ष्ट्र के मु’ख्यमं’त्री उ”द्धव ठा’करे, उनके बेटे आ’दित्य ठा-करे और ए,नसीपी के सांसद सुप्रिया सुले की मुश्किलें बढ़ती दिख रही है! दरअसल इन तीनों के ऊपर चुनावी हलफनामे में संपत्ति और देनदारी की गलत या अधूरी जानकारी देने के आरोप है! जिसके चलते चुनाव आयोग ने इनके खिलाफ शिकायतों की जांच CBDT को सौंप दी है!

महाराष्ट्र की सत्तारूढ़ पार्टी शिवसेना और उसकी सहयोगी पार्टी एनसीपी के इन नेताओं के चुनावी हलफनामे में काफी असंगतियों के आरोप है! अपनी संपत्ति और देनदारी की गलत या अधूरी जानकारी देने के चलते तीनों नेताओं को जांच का सामना करना पड़ सकता है!
मिल रही जानकारी के अनुसार सुप्रिया सुले उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे के अलावा गुजरात के विधायक नाथाभाई ए पटेल के खिलाफ शिकायतों को चुनावी पैनल की प्रशासनिक समीक्षा पर आधारित जांच के लिए भेजा गया है! सभी प्रक्रिया को शिवसेना के नेता ने इसे रूटीन मूव बता दिया है!

मिली जानकारी के अनुसार एक शिकायत करता नहीं अपने दावे के समर्थन में कुछ सामग्रियों का हवाला देते हुए बताया है कि इन नेताओं के हलफनामे में लिखी गई डिटेल सही नहीं है! माना जा रहा है कि इसी वजह से चुनाव आयोग ने इस पूरे मामले को सीबीडीटी को भेजा है!
अब चुनाव आयोग को अपनी कार्यवाही करने के लिए सीबीडीटी के अपडेट का इंतजार है! अगर उस दौरान नेताओं पर लगाए गए प्रथम दृष्टा सही पाए जाते हैं तो रिप्रेजेंटेशन आफ पीपल्स एक्ट की धारा 125 के तहत सीबीडीटी केस दर्ज किया जा सकता है! इस धारा के तहत अधिकतम 6 महीने की जेल या जुर्माना या फिर दोनों हो सकता है!

जानकारी के लिए बता दें कि एक उम्मीदवार चुनाव में हलफनामे में अपनी आपराधिक पृष्ठभूमि, संपत्ति, देनदारी और शैक्षिक योग्यता का ब्योरा देता है! साल 2013 में चुनाव आयोग ने यह फैसला किया था कि हर सुनामी में लिखी गई उम्मीदवारों की संपत्ति और देनदारी को सीबीडीटी वेरीफाई करेगा!